सचिन तेंदुलकर:जब तेंदुलकर ने आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छह रन का बचाव करके इतिहास रचा था
आज भी देश में जब क्रिकेट के बारे में बात की जाती है तो “सचिन” नाम आना तय होता है. ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि तेंदुलकर ने क्रिकेट प्रेमियों को खूब एंटरटेन किया है. कहा जाता है कि जब सचिन बैटिंग करने आते थे तो देश उनकी बैटिंग देखने के लिए रुक जाता था.
अगर आज के समय में आप तेंदुलकर के स्ट्रेट ड्राइव,स्क्वायर कट, कवर ड्राइव और पुल शॉट्स की हाइलाइट्स देखेंगे तो शायद आप भी इस बात पर अपनी मुहर लगा देंगे. तेंदुलकर की बैटिंग में निरंतरता को एक्सपर्ट्स उनके दो दशक से ज्यादा तक क्रिकेट की दुनिया पर राज करने का सीक्रेट मानते हैं. अब आज हम आपको उस तेंदुलकर से मिलाएंगे जिसे शायद ही आप जानते होंगे.
हालांकि इस बात से आप खूब वाकिफ होंगे कि सचिन तेंदुलकर ऑफ ब्रेक बोलिंग किया करते थे. लेकिन क्या आपको पता है कि बॉलिंग के कई पैमानों पर तेंदुलकर का रिकॉर्ड दुनिया के कई बड़े स्टार गेंदबाज से बेहतर है! आइए आज कुछ ऐसे तथ्य जानते हैं जिन्हें सुनकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे.
डेथ ओवर स्पेशलिस्ट :
आखिरी ओवर में छह रन या उससे भी कम स्कोर का बचाव करना तेज गेंदबाज के लिए भी मुश्किल काम होता है.लेकिन सचिन ने इस मुश्किल को भी अपनी उपलब्धि में बदला है. तेंदुलकर ऐसे वाहिद खिलाड़ी हैं जिन्होंने गेंदबाजी करके आखिरी ओवर में छह से भी कम रन बचाया है.
बात 1993 की है जब तेंदुलकर ने आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छह रन का बचाव करके इतिहास रचा था और भारत को एक मशहूर जीत दिलाई थी। तेंदुलकर ने उस ओवर में कुल तीन रन दिए थे। 1997 में भी ऐसी ही परिस्थिति में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी ओवर की पहली गेंद पर ऑस्ट्रेलिया का आखिरी विकेट लेकर यह उपलब्धि दोहराई थी