तो ये है वो खिलाड़ी जिनकी जन्मभूमि तो साउथ अफ्रीका है लेकिन कर्मभूमि न्यूज़ीलैंड बनी

 
तो ये है वो खिलाड़ी जिनकी जन्मभूमि तो साउथ अफ्रीका है लेकिन कर्मभूमि न्यूज़ीलैंड बनी

पिछले एक दशक में अगर गौर किया जाए तो न्यूज़ीलैंड की राष्ट्रीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो दक्षिण अफ्रीका में पैदा हुए, पले-बढ़े लेकिन उन्होंने न्यूज़ीलैंड की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला और खेल रहे है.

इस सूची में कई बड़े व नामी खिलाड़ियों का नाम भी शामिल है जिन्होंने न्यूज़ीलैंड के क्रिकेट को सफलता की नयी सीढ़िया प्रदान की है.

कॉलिन मुनरो

मुनरो ने प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई दक्षिण अफ्रीका में ही की, लेकिन बाद में उनका परिवार न्यूजीलैंड आ गया.

मुनरो ने 2006 का अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप न्यूजीलैंड की तरफ से ही खेला था.

उन्होंने दिसंबर 2012 में टी20 में डेब्यू किया. इसके बाद जनवरी 2013 में ही उन्होंने न्यूज़ीलैंड की ओर से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे और टेस्ट में डेब्यू किया था.

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नील वैगनर

दक्षिण अफ्रीका में प्रांतीय चुनौती जैसे प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट में भाग लेने के बाद, नील वैगनर ने कहीं और विकल्प तलाशने का फैसला किया.

उन्होंने पहले काउंटी में खेलने के लिए साइन अप किया और फिर न्यूजीलैंड चले गए.

2016 में, नील सात मैचों में 32 विकेट लेने वाले सर्वश्रेष्ठ कीवी रेड-बॉल गेंदबाज थे.

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डेवोन कॉनवे

न्यूजीलैंड के लिए खेलने वाले दक्षिण अफ्रीका में जन्मे क्रिकेटरों की इस सूची में डेवोन कॉनवे युवा स्टार हैं.

वह वर्तमान में लॉर्ड्स में अपने टेस्ट डेब्यू पर दोहरा शतक लगाने के लिए चर्चा में है.

कॉनवे भी फरवरी 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज़ के पहले मैच में99 रन पर नाबाद रहे थे.

जून 2021 तक, वह ICC की T20I बल्लेबाजी खिलाड़ी रैंकिंग में नंबर 4 का स्थान पर थे.

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ग्लेन फिलिप्स

पांच साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका से स्थानांतरित होने के बाद, फिलिप्स को न्यूज़ीलैंड में पहला मौका 2016 के अंडर-19 विश्व कप में मिला था.

बाद में, 2017 में, मार्टिन गप्टिल के चोटिल होने के बाद, फिलिप्स को T20 टीम में शामिल किया गया और इन्होंने अपने ही जन्म देश दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पदार्पण किया.

तब से, विकेटकीपर बल्लेबाज सबसे छोटे प्रारूप में कीवी टीम का हिस्सा रहे है.

क्रूगर वैन विक

इस कड़ी में हम आगे बात करते है क्रूगर वैन विक के बारे में,जो अपने दक्षिण अफ्रीकी करियर में आगे नहीं बढ़ सके. उन्होंने अधिक मौको को हासिल के लिए न्यूजीलैंड में कर्म करना शुरू किया.

इन्होंने मार्च 2012 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था.

उस खेल के बाद, क्रुगर कीवी के लिए सिर्फ आठ और मैचों में भाग ले सके.

इसके अलावा इन्होंने किसी अन्य प्रारूप में डेब्यू तक नहीं किया.

और आखिरकार 2015 में, इन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करके सबको चौंका दिया.

तो ये है वो खिलाड़ी जिनकी जन्मभूमि तो साउथ अफ्रीका है लेकिन कर्मभूमि न्यूज़ीलैंड बनी
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