न्यूजीलैंड क्रिकेटर की जान को बचाने वाली Five eyes क्या है? हो रही है भारत को शामिल करने की मांग
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम 18 साल के बाद पाकिस्तानी दौरे पर आई थी। लेकिन रावलपिंडी स्टेडियम में मैच शुरू होने के चंद मिनट पहले ही उन्होंने मैच खेलने से इनकार कर दिया। और अपनी सुरक्षा कारणों को लेकर वापस अपने स्वदेश लौट गई।
न्यूजीलैंड क्रिकेट के मुख्य कार्यकारी डेविड वाइट के अनुसार उन्हें जो सूचना मिली इसके अनुसार सीरीज होना संभव नहीं है। पीसीबी ने हमारी शानदार में मेजबानी की लेकिन हमारे लिए हमारी खिलाड़ियों की सुरक्षा ही प्राथमिकता है। इस सारे मसले पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इसको लेकर कहा है कि न्यूजीलैंड की टीम की सुरक्षा को किसी तरह का खतरा नहीं था।
यह तो न्यूजीलैंड क्रिकेट का बयान हुआ इसके बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कोई इसे कोरोना से जोड़ रहा है तो कोई कुछ और। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत स्तर पर न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री से बात की और उन्हें बताया कि हमारे पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खुफिया प्रणाली है और मेहमान टीम के लिए किसी भी तरह का कोई सुरक्षा खतरा नहीं है। इसके बावजूद भी न्यूजीलैंड के खिलाड़ी वापस न्यूजीलैंड लौट गए।
न्यूजीलैंड को बताया कौन आतंकी हमले के बारे में?
हर देश की भांति न्यूजीलैंड की भी अपनी सुरक्षा एजेंसी है। न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसी भी थी। लेकिन न्यूजीलैंड को मैच से पहले सुरक्षा की जानकारी 'फाइव आई' की तरफ से आई थीं।
जानते हैं, कि आखिर ये 'फाइव आईज' क्या है और इसका सुरक्षा इनपुट इतना पुख्ता कैसे होता है?
क्या है 'फाइव आईज' गठबंधन?
अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड देश के गठबंधन से बना एक खुफिया संगठन है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1941 में अमेरिका और ब्रिटेन के कोड ब्रेकर के बीच बैठक में फाइव आइज संस्था की उत्पत्ति हुई।
इसके बाद 1948 में कनाडा 1956 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को शामिल कर इस गठबंधन का विस्तार किया गया। शुरुआती दौर में इस संस्था का काम सेवियत रूस पर नजर रखना था। लेकिन अमेरिका पर हुए आतंकी हमले के बाद नये सिरे से इस गठबंधन में ऊर्जा का संचार किया गया और एक बार फिर से ये गठबंधन पूरी दुनिया में एक्टिव है।
2019 में प्रतिनिधि एडम शिफ के नेतृत्व में एक अमेरिकी कांग्रेस समिति ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए भारत, जापान और दक्षिण कोरिया के एकीकरण के लिए 'फाइव आईज' के साथ खुफिया जानकारी साझा करने पर जोर दिया था। अभी तक तो भारत इस खुफिया एजेंसी में शामिल नहीं हुआ है लेकिन 2020 में 'फाइव आईज' गठबंधन ने विस्तार के संकेत दिए थे और माना जा रहा है कि जल्द भी भारत भी इस गठबंधन का हिस्सा बन सकता है।