'नाबालिग पत्नी के साथ शीरीरिक संबंध बनाना है बलात्कार', जानिए क्या है मामला
पति-पत्नी के बीच अनबन की कहानी और खबरें तो आपने कई बार सुनी होंगी लेकिन इन दिनों मध्यप्रदेश का मामला इटंरनेट पर छाया हुआ है. जिस मामले पर सुनवाई करते हुए एपमी के हाई कोर्ट (MP High Court) ने एक आरोपी की पांचवी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा है कि अगर पति अपनी 'नाबालिग पत्नी' के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो वह भी बलात्कार की श्रेणी में आता है. कोर्ट की सिंगल बेंच न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है.
दरअसल, यह मामला मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के रन्नोड थाने का है. इस मामले में लड़की के पिता ने पुलिस को दी एफआईआर में लिखा है कि आरोपित ने 20-21 दिसंबर 2019 की रात में उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था. फिर बाद में लड़की बरामद हो गई तो उसने अदालत में सीआरपीसी की धारा 161 तहत दिए अपने बयान दर्ज कराया और कहा कि अजय उसे घर के आगे रात लगभग 11 बजे मिला था और शादी का वादा कर उसे बस से भोपाल ले गया. वहां से वे दोनों तेलंगाना के ईसानपुर चले गए. तेलंगाना के ही एक मंदिर में दोनों ने विवाह कर लिया था.
इसके बाद जब दोनों के बीच अनबन हो गई और यह मामला कोर्ट तक पहुंचा. फिर आरोपित अजय जाटव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363, 376, 366 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत केस दर्ज किया गया.
साल 2002 में दर्ज हुआ था मामला
वहीं अब इस मामले चौथी याचिका की सुनवाई में कोर्ट के अंदर दलील दी थी कि अपराध के समय उनकी बेटी 17 वर्ष 6 माह की थी, पीड़िता का जन्म 01 फरवरी 2002 को हुआ था. इसके अलावा सबूत के लिए लड़की के स्कूल रिकॉर्ड में भी यही जन्मतिथि मिली थी. हालांकि बाद में पीड़िता ने पिछले साल 16 सितंबर को एक बच्चे को जन्म दिया. इसी आधार पर यह साबित हुआ था कि पीड़िता दिसंबर 2019 के महीने में ही यानि जब वह नाबालिग थी तब ही गर्भवती हो गई थी.
वहीं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस पर आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर के कहा कि नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना भी (यानी 18 वर्ष से कम उम्र) बलात्कार की श्रेणी में ही आएगा.
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