Che Guevara: अमीरों के नाक में दम करनेवाला एक लेखक की कहानी

 
Che Guevara: अमीरों के नाक में दम करनेवाला एक लेखक की कहानी

आज World Inequality Report 2022 पब्लिश हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के टॉप 10 फीसदी अमीर लोगों की कमाई भारत की कुल कमाई का 57 फीसदी है, जबकि शीर्ष 1 फीसदी अमीर देश की कुल कमाई में 22 फीसदी हिस्सा रखते हैं। वहीं इस सबके विपरीत नीचे के 50 प्रतिशत लोगों की कुल आय का योगदान घटकर महज 13 फीसदी पर रह गया है। 

मतलब अमीर अमीर होते जा रहे हैं और गरीब गरीब। तक एक व्यक्ति बहुत याद आता है। जो क्रांति, सामाजिक समतावाद और अन्याय के विरुद्ध विद्रोह का पर्याय बन गए। वो अर्जेंटीना के डॉ अर्नेस्टो चे ग्वेरा थे। जिन्होंने लैटिन अमेरिकी देशों में अमरीकी साम्राज्यवाद आधिपत्यवाद के विरुद्ध आंदोलन की न सिर्फ़ अगुवाई की बल्कि वो गुरिल्लायुद्ध के नायक के तौर पर भी जाने गए।

WhatsApp Group Join Now
Che Guevara: अमीरों के नाक में दम करनेवाला एक लेखक की कहानी

शोषण, दोहन और मूल नागरिकों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध हिंसक आंदोलन को भी अपना पूर्ण समर्थन ही नही दिया बल्कि उसे नेतृत्व दिया। सामंतवादी और साम्राज्यवादी व्यवस्था कहाँ ऐसे नायकों को बर्दाश्त करती है। लेकिन पिछले कुछ सालों में भारत में चे ग्वेरा की तस्वीर वाली टी शर्ट भी कम दिखती है जिसे युवा एक ऐसे नायक को स्मरण करते हुए पहना करता था जो साम्राज्यवाद के विरुद्ध हो लेकिन अब चलन कुछ कम सा दिख रहा है।

चे कहा करते थे, कि “I know you are here to kill me. Shoot, coward, you are only going to kill a man. कायरों मैं जानता हूँ कि तुम मुझे मारने आये हो, मुझे मार दो बुज़दिलों,लेकिन तुम सिर्फ़ एक आदमी को क़त्ल करने वाले हो” अर्नेस्टो चे ग्वेरा 20 वी सदी के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक, जिन्हें मार्क्सवादी क्रांति,समाजवादी और संघर्षवादी विचारधारा के लिए याद रखा जाएगा।

आधुनिक मानव इतिहास का यह चरित्र , एक डॉक्टर, एक लेखक, एक चिंतक और एक क्रांतिकारी जिसने लातीनी अमरीका पर साम्राज्यवाद के क्रूर शिकंजे से ग़रीबों मज़लूमो और ग़रीबी के विरुद्ध आंदोलन छेड़ा।

https://youtu.be/H83pLsVJ9PI

ये भी पढ़ें: JNU से उठी बाबरी ढाँचा बनाने की माँग, योगी के सलाहकार बोले यूपी की तरफ मंडराना भी मत

Tags

Share this story