चीन ने भारतीय सीमांत से सटे तिब्बत बॉर्डर तक पहुंचाई बुलेट ट्रेन, रखेगा नज़र!

 
चीन ने भारतीय सीमांत से सटे तिब्बत बॉर्डर तक पहुंचाई बुलेट ट्रेन, रखेगा नज़र!

पड़ोसी मुल्क चीन ने तिब्बत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में पहली बार पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बुलेट ट्रेन का परिचालन आज शुक्रवार 25 जून को शुरू किया. ये ट्रेन प्रांतीय राजधानी लहासा और नियंगची को जोड़ेगी. बतादें, नियंगची अरुणाचल प्रदेश के करीब स्थित तिब्बत का सीमाई नगर है. गौरतलब है सिचुआन-तिब्बत रेलवे के 435.5 किलोमीटर लंबे लहासा-नियंगची खंड का एक जुलाई को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शताब्दी समारोहों से पहले उद्घाटन किया गया है.

सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में पहली इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन शुक्रवार सुबह खुली, जो ल्हासा को न्यिंगची से जोड़ने वाली ‘फक्सिंग’ बुलेट ट्रेन है. पठारी क्षेत्र में इसका आधिकारिक रूप से संचालन शुरू हो गया है. किंघई-तिब्बत रेलवे के बाद सिचुआन-तिब्बत रेलवे तिब्बत में दूसरा रेलवे होगा. यह क्षेत्र दुनिया के सबसे सक्रिय भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है.

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चेंगदू से लहासा की यात्रा 48 घंटे से कम होकर 13 घंटे

सिचुआन-तिब्बत रेलवे की शुरुआत सिचुआन प्रांत की राजधानी, चेंगदू से होगी और यान से गुजरते हुए कामदो के जरिए तिब्बत में प्रवेश करेगी जिससे चेंगदू से लहासा की यात्रा 48 घंटे से कम होकर 13 घंटे रह जाएगी. नियंगची मेडोग का प्रांतीय स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश सीमा से सटा हुआ है.

अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है चीन 

न्यिंगची शहर अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है. चीन दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश का दावा करता है, जिसे भारत ने दृढ़ता से खारिज करता रहा है. भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) शामिल है.

सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने पहले ग्लोबल टाइम्स को बताया था कि अगर भारत-चीन सीमा पर विवाद बढ़ता है तो यह रेलवे चीन तक रणनीतिक सामग्री पहुंचाने में बड़ी सुविधा प्रदान करेगी.

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