एफएटीएफ की 'ग्रे लिस्ट' में बना रहेगा पाकिस्तान, इमरान खान की उम्मीदों को लगा तगड़ा झटका
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force, FATF) ने गुरुवार को पाकिस्तान को अपनी ग्रे-लिस्ट में जून तक के लिए बरकरार रखा. एफएटीएफ का कहना है कि पाकिस्तान के लिए बनाई गई 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना को वह पूरी तरह लागू करने में विफल रहा है. खासकर वह रणनीतिक रूप से अहम कमियों से निपटने में असफल रहा है. एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को सभी नामित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी.
आतंकियों को कड़ी सजा दे पाकिस्तान
पेरिस स्थित वित्तीय कार्यबल (Financial Action Task Force, FATF) ने दो-टूक कहा कि पाकिस्तान की अदालतों को आतंकवाद में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए. साथ ही वित्तीय प्रतिबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में काम करना चाहिए. सोमवार को शुरू हुए सम्मेलन के निष्कर्षों पर एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने में गंभीर खामियां हैं. यही नहीं पाकिस्तान में आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए प्रभावी व्यवस्था की कमी है.
आतंकी फंडिंग से निपटने सिस्टम बनाए पाक
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित किए गए आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई करना चाहिए. पाकिस्तान के पास आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रणाली होनी चाहिए. पाकिस्तान यदि एकबार तीन अधूरे कार्य बिंदुओं को पूरा कर लेता है तो हम जून में होने वाली बैठक में उसकी ओर से उठाए गए कदमों का सत्यापन करके अपना फैसला देंगे. एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अधूरे एक्शन प्वाइंट को जल्द से जल्द पूरा करना होगा.
कार्रवाई के नाम पर दिखावा करता रहा है पाक
मालूम हो कि FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा था. साथ ही पाकिस्तान की सरकार को धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए अपनी ओर से सौंपी गई कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा था. हालांकि कोरोना महामारी के कारण यह समयसीमा बढ़ा दी गई थी. आतंकी फंडिंग से जुड़े मसलों पर एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट में शामिल पाकिस्तान से पिछले साल अक्टूबर में सभी 27 बिंदुओं को लागू करने के लिए कहा गया था, लेकिन पाकिस्तान दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए दिखावे की कार्रवाई करता है.
छह दायित्वों को पूरा करने में विफल
पिछले साल अक्टूबर में आयोजित बैठक में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक अपनी 'ग्रे लिस्ट' (FATF Grey List) में रखने का फैसला किया था. एफएटीएफ ने कहा था कि पाकिस्तान वैश्विक धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी के 27 में से छह दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है.
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