Ukraine में जैविक हथियार होने के रूस के दावे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुई चर्चा, जानें क्या हुआ
Mar 12, 2022, 21:39 IST
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को रूस के अनुरोध पर चर्चा की कि मॉस्को के दावे के अनुसार यूक्रेन के क्षेत्र में जैविक हथियार मौजूद है जो कि अमेरिका की सैन्य जैविक गतिविधियों का हिस्सा है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि उसे यूक्रेन में किसी भी जैविक हथियार कार्यक्रम की जानकारी नहीं है, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने चिंता व्यक्त की कि रूस अपने स्वयं के जैविक या रासायनिक हमले शुरू करने के लिए अप्रमाणित दावे के प्रचार को फैला रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को कहा कि उसके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यूक्रेन के पास जैविक हथियार है. रूस ने 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाकर अपने दूत वसीली नेबेंजिया के माध्यम से इस बात पर फिर से जोर दिया कि यूक्रेन ने अमेरिकी रक्षा विभाग के समर्थन से जैविक हथियार प्रयोगशालाएं चलाईं. सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने दावे को झूठ और बिल्कुल बकवास कहा तथा रूस पर यूक्रेन में सैकड़ों नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने और मारने का आरोप लगाने के लिए सत्र का इस्तेमाल किया. सदस्य देशों ने यह दावा किया गया कि रूस 15 दिनों के हमले में इनकार करता है, इसे एक विशेष सैन्य अभियान बता रहा है. निरस्त्रीकरण मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्च प्रतिनिधि इज़ुमी नाकामित्सु ने परिषद को बताया कि संयुक्त राष्ट्र यूक्रेन में किसी भी जैविक हथियार कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं रखता है. यूक्रेन भी ऐसे हथियारों वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जैसा कि रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 180 अन्य के साथ किया है. 2005 के एक समझौते के तहत, पेंटागन ने कई यूक्रेनी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को खतरनाक रोगजनकों और अनुसंधान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक की सुरक्षा में सुधार करने में सहायता की है. उन प्रयासों को अन्य देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समर्थित किया गया है. थॉमस-ग्रीनफील्ड के बयान के जवाब में, यूएन में रुसी दूत नेबेंजिया ने तत्कालीन यूएस स्टेट सेक्रेटरी कॉलिन पॉवेल की 2003 सुरक्षा परिषद की गवाही का उल्लेख किया जब उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने दावा किया था कि इराक सामूहिक विनाश कार्यक्रमों के प्रतिबंधित हथियारों को छुपा रहा था. इराक पर अपने 2003 के अमेरिकी आक्रमण को सही ठहराने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस दावे का इस्तेमाल किया जो झूठा निकला. रूस और यूक्रेन के बीच 17 दिनों से लगातार युद्ध चल रहा है जिसमें यूक्रेन में भारी तबाही मची है तो वहीँ रूस को आर्थिक और कूटनीतिक नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि रूस और उसके सहयोगी देशों ने उसके ऊपर भारी प्रतिबन्ध लगाए हैं. दोनों देशों के बीच तीन दौर की वार्ता भी बेनतीजा साबित रही है.