अफगानिस्तान: अमेरिकी फ़ौज के जाते ही तालिबान ने नागरिकों के लिए बनाए कट्टर नियम
अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही तालिबान अफगान सुरक्षा बलों पर भारी पड़ रहे हैं. तालिबान ने एक तिहाई जिलों पर कब्जा करने का दावा किया है. उत्तर पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान निरंतर बढ़त बना रहा हैं और हर रोज कई जिले उसके कब्जे में आ रहे हैं. इतना ही नहीं, अपने कब्जे वाले इलाकों में तालिबान ने कट्टर कानून भी लागू कर दिए हैं.
बतादें, अफगानिस्तान में बीते दो दशक तक चले युद्ध के बाद अमेरिका और नाटो देशों के सैनिक यहां से वापस जा रहे हैं. अमेरिका ने इसकी समयसीमा 11 सितंबर रखी है.
लड़कियों के लिए दहेज देने पर भी नए नियम
अफ़ग़ानिस्तान में निवासरत सामाजिक कार्यकर्ता मेराजुद्दीन शरीफ ने बताया कि तालिबान ने लड़कियों के लिए दहेज देने पर भी नए नियम बनाए हैं. तालिबान ने बिना सबूत के मुकदमे चलाने शुरू कर दिए हैं. स्कूल, क्लीनिक वगैरह बंद कर दिए गए हैं. रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं.
पुरुषों के लिए भी जारी हुए आदेश
‘एरियाना न्यूज’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने कई इलाकों में कट्टर कानून लागू कर दिए हैं. इससे अफगानिस्तान के नागरिकों में डर बैठ गया है कि कहीं पूरे देश में पहले जैसी स्थिति न हो जाए. Takhar प्रांत के सिविल सोशल एक्टिविस्ट मेराजुद्दीन ने बताया कि तालिबान ने अपनी घोषणा में कहा है कि महिलाएं अब अकेले घर से बाहर नहीं निकल सकेंगी.
इसके अलावा पुरुषों के लिए ढाढ़ी बढ़ाना अनिवार्य किया गया है. तालिबान ने हजामत बनाने वालों को सख्त हिदायत दी है कि पुरुषों की ढाढ़ी न बनाई जाए और अनुपयुक्त हेयरकट न किया जाए.
देश छोड़ना चाहते हैं 50 हजार से ज्यादा अफगान नागरिक
करीब 50 हजार से ज्यादा अफगान नागरिक देश छोड़कर जाना चाहते हैं. अमेरिकी सेना की मदद करने वाले अनुवादकों सहित अन्य अफगानिस्तानियों के पड़ोसी देशों में शरण लेने की प्लानिंग है. इसमें अमेरिका मदद कर रहा है. मध्य एशिया के तीन देशों- कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान से इस मामले पर बातचीत चल रही है.
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