पाकिस्तान में शिक्षकों का तेज़ हुआ विरोध प्रदर्शन, इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें
पिछले एक सप्ताह से वेतन वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सैकड़ों शिक्षकों ने मंगलवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद शहर में अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. चुनाव कार्य सहित सरकार के सभी कर्तव्यों का बहिष्कार करने की धमकी देते हुए सैकड़ों शिक्षकों ने सड़कों पर उतरकर सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की है.
चुनाव कार्य बहिष्कार करने की धमकी
प्रदर्शनकारियों ने देश में चुनाव कार्य का बहिष्कार करने की धमकी दी है. प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर उतरकर सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया गया है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा है कि यह हमारा प्राथमिक अधिकार है. हम चाहते हैं कि वेतन वृद्धि हो. उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो सरकार को बहुत कठिनाई होगी.
स्कूलों को बंद करने की दी धमकी
इमरान खान की सरकार को गंभीर परिणामों की धमकी देते हुए एक अन्य प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम न केवल स्कूलों को बंद करेंगे बल्कि सड़कों को अवरुद्ध करेंगे. सरकार के सभी कर्तव्यों का बहिष्कार करेंगे, जिसमें शिक्षण, ब्लॉक कार्य, चुनाव कार्य, बोर्ड कार्य शामिल हैं.
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
पिछले महीने पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग करने और आंसू गैस का इस्तेमाल करने का सहारा लिया था क्योंकि कई शिक्षकों ने अपने विभाग की नई नियमितीकरण नीति के विरोध में प्रधानमंत्री इमरान खान के बेनिगाला स्थित आवास के पास विरोध प्रदर्शन किया था.
बतादे, कि पंजाब के 700 से अधिक शिक्षक इस्लामाबाद पहुंचे और नई नीति का विरोध करने के लिए खान के घर पर मार्च करने का फैसला किया, जो केवल उन शिक्षकों की नौकरियों को नियमित करता है जो लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करते हैं और इंटरव्यू क्लियर करते हैं. प्रदर्शनकारियों ने इस नीति को 'अन्यायपूर्ण' के रूप में देखा क्योंकि वे कई वर्षों से अनुबंध पर अपने विभागों में काम कर रहे थे.
ये भी पढ़ें: इस्लामाबाद का नाम बदलना चाहते है पाकिस्तानी नागरिक, दायर की याचिका, जाने क्या है मामला