ट्विटर के नए सीईओ के मुसलमान के संदर्भ में पुराना ट्वीट क्यों बना निशाना?

 
ट्विटर के नए सीईओ के मुसलमान के संदर्भ में पुराना ट्वीट क्यों बना निशाना?

भारतीय मूल के पराग अग्रवाल ट्विटर के सह-संस्थापक और अब तक सीईओ रहे जैक डोर्सी की जगह लेंगे। आईआईटी बॉम्बे से पढे अग्रवाल के पुराने ट्वीट ट्रोलर्स ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया है।

https://twitter.com/paraga/status/28773976508?s=20

पराग अग्रवाल ने इस ट्वीट में मुसलमान, चरमपंथी, गोरों और नस्लभेद की बात की थी। पराग अग्रवाल ने 26 अक्तूबर 2010 को ट्वीट करते हुए लिखते हैं कि "अगर वो मुसलमान और चरमपंथियों के बीच अंतर नहीं करने वाले हैं तो फिर मुझे गोरे लोगों और नस्लवादियों में अंतर क्यों करना चाहिए?"

https://twitter.com/MarshaBlackburn/status/1465500079188590593?s=20

हालांकि इस ट्वीट को लेकर पराग ने पहले ही सफ़ाई जारी कर दी थी। उन्होंने इसी ट्वीट में बताया था कि इस ट्वीट का सम्बंध कॉमेडियन आसिफ़ मांडवी के 'डेली शो' के दौरान कही बात से था। पराग जिस कार्यक्रम की बात कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में कई कॉमेडियनों ने भाग लिया था और इसमें काले लोगों के अधिकारों के बारे में बात हो रही थी।

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https://twitter.com/SirajAHashmi/status/1465381988911693834?s=20

अग्रवाल साहब के सीईओ बनते ही ट्रोलर्स ने उनके एक दशक पुराने ट्वीट को खोज निकाला। फिर अमेरिका में टेनिसी की सीनेटर और रिपब्लिकन पार्टी की नेता मार्शा ब्लैकबर्न ने इस पुराने ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखती है कि "ट्विटर के नए सीईओ ने धर्म को पिरामिड स्कीम बताया है। यह वो हैं जो आपकी बात को ऑनलाइन नियंत्रित करने जा रहे हैं।"

वहीं सिराज हाशमी नामक ट्विटर यूज़र पराग के समर्थन में लिखते हैं कि, " पराग के ट्वीट से साफ दिखता है कि सभी मुस्लिम चरमपंथी नहीं होते और न ही सभी गोरे लोग नस्लभेदी होते हैं।"

https://youtu.be/IsN9RQfG9pY

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