स्पाइस जेट को सुप्रीम कोर्ट से मिला 3 सप्ताह का ऑक्सीजन, जाने क्या हैं विवाद?
स्पाइस जेट एयरलाइंस बरसों से भारत में अपनी सेवा दे रहा हैं, विगत कई सालों से यह एयरलाइंस यात्रियों को यात्रा कराता आ रहा हैं। स्पाइसजेट एक ऐसी एयरलाइंस हैं जो मध्यवर्गीय लोगों के लिए कम पैसों में यात्रा करवा देती हैं। लेकिन इस एयरलाइंस पर भी विवादों के बदल मंडराए थे जिसके कारण मामला अदालत तक पहुँच गया था।
लो-कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट के लिए चैन की सांस लेने वाली खबर सामने आयी हैं। स्पाइसजेट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पाइसजेट को स्विस फर्म क्रेडिट सुइस एजी के साथ अपने फाइनेंशियल विवाद सुलझाने के लिए अब तीन सप्ताह तक का समय दिया हैं।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले पर भी अपनी रोक लगा दी हैं, जिसमें स्पाइसजेट एयरलाइन के समापन याचिका को अनुमति दी गई और आधिकारिक परिसमापक को संपत्ति के अधिग्रहण करने का निर्देश दे दिया गया था। लेकिन अब इससे स्पाइसजेट को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ऑक्सिजन देने वाली मौहलत मिली हैं।
चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट “एन वी रमना” की अध्यक्षता वाली खंड पीठ ने देश के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे की इस दलील पर गौर किया हैं कि, स्पाइसजेट स्विस कंपनी के साथ इस मुद्दे को सुलझाने की पूरी कोशिश करेगा। क्रेडिट सुइस ने भी दी हैं सहमति, सीनियर वकील हरीश साल्वे ने मामले को सुलझाने की कोशिश के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा था। जिसपर स्विस फर्म की ओर से पेश हुए के वी विश्वनाथन ने भी अपनी सहमति दे दी।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश पर तीन सप्ताह तक की रोक लगा दी हैं। स्विस फर्म क्रेडिट सुइस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि स्पाइसजेट का बकाया निपटान का प्रस्ताव उचित नहीं है, तो सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट से अगर आप इसे चुकाने के इच्छुक नहीं है, तो एयरलाइंस को दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट से पूछा कि आप एयरलाइंस चलाना चाहते हैं, या इसे बंद करना चाहते हो।
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