बिहार: मौसम वैज्ञानिक की बरसी कहीं बिहार का मौसम ना बदल दें
देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के बरसी पर नीतीश कुमार ने डेढ़ लाइन की श्रद्धांजलि भेजी है। साथ ही आज होने वाले बरसी कार्यक्रम में भी शामिल नहीं होंगे। उधर पीएम मोदी ने दो पन्ने का श्रद्धांजलि संदेश भेजा है।
रामविलास पासवान की राजनीति हमेशा पार्टी बदलाव की रही है। रामविलास पासवान के बेटे चिराग अपने पिता की राजनीति ढांचे से अलग राजनीति कर रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कर पाएंगे?
कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जातिगत आंकड़े के सवाल पर जहां एक साथ खड़े आए वही चिराग पासवान इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। वहीं चिराग पासवान अपने पिता के बरसी का कार्ड लेकर तेजस्वी यादव के घर तो पहुंचते हैं लेकिन नीतीश कुमार के घर नहीं।
बिहार के राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार नीतीश कुमार और रामविलास पासवान कभी भी राजनीति में पूरे मन से एक साथ नजर नहीं आए। दोनों की राजनीति एक दूसरे के विरोध में ही गुजरी। कुछ अवसरों को छोड़कर।
कुछ दिनों पहले लोजपा दो भागों में बांट चुकी है। इसके पीछे भी नीतीश कुमार का हाथ बताया जा रहा है। और इस बंटवारे के बाद लालू प्रसाद यादव मीडिया के सामने यह कह चुके हैं कि लोजपा का असली उत्तराधिकारी चिराग पासवान ही है।
लोजपा और बिहार की राजनीति आने वाले वक्त में क्या रंग लेगी यह किसी को नहीं पता हैं। लेकिन एक बात तय है कि बिहार की राजनीति को समझना उड़ते पंछी को रंग लगाने के बराबर हैं।
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