BIRTHDAY SPECIAL: बिस्तर पर तीन महिलाओं के साथ वीडियो वायरल होने वाले मुख्यमंत्री,भारत के प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए
उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का राजनीतिक कार्यकाल क़रीब पाँच दशक लंबा रहा। तिवारी के नाम राजनीति में ऐसी उपलब्धि है जिसकी मिसाल भारतीय राजनीति में शायद ही मिले।
तिवारी 1976-77, 1984-84 और 1988-89 में देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और साल 2002 से 2007 तक उत्तराखण्ड के तीसरे मुख्यमंत्री रहे। साथ ही 2007-09 के दौरान वो आंध्र प्रदेश के गवर्नर भी रहे।
विरोधी उन्हें 'ये न हैं नर, ना हैं नारी, ये हैं नारायण दत्त तिवारी' कह कर उनका उपहास करते थे। लेकिन उनके चेहरे पर कोई शिकन न आती थी। भारत में उत्तर प्रदेश की पहली विधानसभा में नारायण दत्त तिवारी सबसे युवा विधायक बने थे। कांग्रेस के नजदीकी तिवारी 26 वर्ष की आयु में 1952 में नैनीताल विधानसभा क्षेत्र से जीत कर उत्तर प्रदेश विधानसभा में पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहते हुए नारायण दत्त तिवारी रात को 2 बजे सोने गए हों या सुबह 4 बजे, रोज़ 6 बजे उठ जाते थे। मतलब वो रोज़ 18 घंटे काम करते थे।
नारायण दत्त तिवारी की एक और ख़ूबी थी। वो क्लर्क और चपरासी, सबका नाम सबको उसके नाम से ही पुकारते थे।
साथ ही फ़ाइल का एक-एक लफ़्ज़ पढ़ते थे और उसको अंडरलाइन करते थे।
जब राजीव गांधी बोफ़ोर्स मामले में फंसते हुए दिखाई दिए तब जिन दो नामों पर विचार हुआ था उनमें नरसिम्हा राव के साथ-साथ नारायण दत्त तिवारी भी थे। तब ये प्रस्ताव तिवारी के सामने रखा गया तो उन्होंने उसे सिरे से ख़ारिज कर दिया।
महिलाओं के साथ संबंध:
महिलाओं के साथ उनके संबंधों को लेकर तिवारी की काफ़ी किरकिरी हुई। हद तो तब हो गई जब एक तेलुगू चैनल ने राजभवन के बिस्तर पर तीन महिलाओं के साथ उनका वीडियो दिखाया था।
साल 2008 में रोहित शेखर ने एक अदालत में ये दावा करते हुए पैटरनिटी सूट दायर किया कि नारायण दत्त तिवारी उनके पिता है फिर डीएनए जाँच के बाद अदालत ने पाया कि नारायण दत्त तिवारी रोहित शेखर के बॉयलॉजिकल पिता हैं।
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