मीनाक्षी लेखी ने किसानों को 'मवाली' कहने पर मांगी माफ़ी, कहा- 'बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया'

 
मीनाक्षी लेखी ने किसानों को 'मवाली' कहने पर मांगी माफ़ी, कहा- 'बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया'

पिछले कई महीनों से कृषि कानून के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों पर गुरुवार शाम केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी भड़क गईं और उन्हें मवाली तक कह दिया. बतादें मीनाक्षी ने पेगासस जासूसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्ष पर हमला बोला था इसी दौरान उन्होंने जंतर-मंतर पर धरना दे रहे किसानों पर भी हमला बोल दिया और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया उसके बाद जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को आढ़ती बताकर कहा कि वो किसान नहीं मवाली हैं.

लेकिन जब इस बयान से विवाद बढ़ने लगा तो उन्होेंने माफी मांगते हुए अपने बयान को वापस ले लिया है और कहा कि अगर किसी को मेरे इस बयान से ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं. उन्होंने कहा है कि उनके बयान को गलत समझा गया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि मेरे शब्दों को तोड़ा मरोड़ा गया है अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं.

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https://twitter.com/M_Lekhi/status/1418237092237242378?s=20

विवाद बढ़ता देख कहा मैं अपने शब्द वापस लेती हूं

लेखी ने कहा कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा और एक मीडियाकर्मी पर किसान संसद में हमले पर मेरी टिप्पणी मांगी गई थी. मैंने ये कहा कि केवल मवाली ही ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, किसान नहीं. मीनाक्षी लेखी ने समाचार एजेंसी एएनआई से आगे कहा- 'मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. अगर इससे किसानों या अन्य किसी को भी दुख पहुंचा है तो मैं माफी मांगती हूं और अपने शब्दों को वापस लेती हूं'

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