MSP पर भी राजी हो सकती हैं मोदी सरकार ? किसान मोर्चा से माँगे 5 नेताओ के नाम
तीन कृषि बिलों को वापस करने के लिए तकरीबन एक साल से आंदोलन कर रहे किसान नेताओ की आख़िरकार जीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुपर्व के पावन दिन किसानो से माफी माँगते हुए तीनो बिल वापस करने का फैसला किया था। जिससे पंजाब,हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश का किसान बेहद खुश हो गया था। प्रधानमंत्री ने बिल वापस लेने के बाद किसानो से निवेदन किया था कि अब वो सड़क खाली कर दे और अपने अपने घर लौट जाए।
लेकिन राकेश टिकैत ने उसी दिन साफ कर दिया था की जब तक संसद से बिल वापस नहीं होगा तब तक वो सड़क खाली नहीं करेंगे। अब कल जब शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन तीनो बिलों को निरस्थ कर दिया गया था। तो अब राकेश टिकैत ने नया मुद्दा पकड़ लिया है “MSP पर क़ानून” संसद के दोनों सदनों से कृषि कानूनों की वापसी होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (BKU) एमएसपी पर गारंटी कानून की मांग कर रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि MSP गारंटी कानून के बिना किसान अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। वहीं अब केंद्र सरकार की तरफ से इस मांग को लेकर सकारात्मक पहल की गई है।बता दें कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) को लेकर सरकार किसानों से वार्ता करने को लेकर तैयार हो गई है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा को एमएसपी के मुद्दे पर बातचीत का प्रस्ताव दिया है।
केंद्र सरकार की तरफ से इस प्रस्ताव को लेकर BKU को अपने उन 5 नेताओं के नाम देने के लिए कहा गया है, जो सरकार के साथ बातचीत के दौरान बैठक में मौजूद रहेंगे।अब देखना यह होगा की यह बातचीत पहले की तरफ विफल रहती हैं या इस बार सफल होती है। किसान मोर्चा से मिली जानकारी के मुताबिक आगामी 4 दिसंबर को आंदोलन वापसी की घोषणा हो सकती है। दरअसल ज्यादातर किसान संगठन कृषि कानूनों की वापसी के बाद आंदोलन को खत्म करने के हक में हैं।
लेकिन किसान नेता से नेता में तब्दील हुए राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी अभी आंदोलन को जारी रखना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ से किसानों पर दर्ज किये गए मुकदमे भी वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं। आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने सभी राज्यों में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने संबंधी निर्देश दिया है।
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