भारत के इस राज्य में है सबसे सस्ता पेट्रोल, ₹111 प्रति लीटर के साथ राजस्थान में सबसे महँगा पेट्रोल
डीजल और पेट्रोल पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कई टैक्स वसूल करती हैं। राज्य सरकारों के द्वारा वसूले जाने वाले वैट (VAT on Diesel Petrol) के चलते डीजल और पेट्रोल के भाव अलग-अलग शहरों में अलग हो जाते हैं। इसी टैक्स के कारण अंडमान एंड निकोबार (Andaman & Nicobar) में सबसे सस्ता डीजल और पेट्रोल बिक रहा है, जो राजस्थान के भाव से काफी कम है। राजस्थान में पेट्रोल आज के हिसाब से ₹111.1 लीटर है। वही अंडमान एंड निकोबार में पेट्रोल का रेट ₹82.96 लीटर है, जो राजस्थान से 28.14 रुपय कम है।
अंडमान एंड निकोबार में डीजल-पेट्रोल पर सबसे कम वैट लगता है, जबकि राजस्थान में यह स्थानीय कर सबसे अधिक है। सोमवार को राजस्थान के श्रीगंगानगर (Sriganganagar) में पेट्रोल 116.57 रुपये प्रति लीटर रहा। दूसरी ओर अंडमान में इसका भाव 82.96 रुपये लीटर रहा। अंडमान में पेट्रोल का भाव राजस्थान की तुलना में देखें तो 33.61 रुपये सस्ता है। यह दिल्ली के दाम से भी करीब 21 रुपये कम है।
राजस्थान में डीजल ₹95.71 लीटर है। डीजल की बात करें तो यह अभी भी राजस्थान में 90 रुपये से ऊपर है। श्रीगंगानगर में सोमवार को डीजल का भाव 100.50 रुपये लीटर रहा और पेट्रोल का रेट 116.57 रुपय रहा। डीजल सोमवार को दिल्ली में 86.67 रुपये और अंडमान में 77.13 रुपये लीटर की दर से बिका। इस तरह डीजल भी अंडमान में सबसे सस्ता रहा। यह अभी राजस्थान से 23.37 रुपये और दिल्ली से 9.54 रुपये प्रति लीटर सस्ता है।
ये राज्य डीजल-पेट्रोल पर वैट से करते हैं सबसे ज्यादा कमाई
भाव में इस अंतर की वजह राज्य सरकारों के द्वारा वसूला जाने वाला वैट है। राजस्थान डीजल-पेट्रोल पर सबसे अधिक 30.51 रुपये प्रति लीटर वैट वसूल रहा है। वहीं वैट की दर महाराष्ट्र (Maharashtra) में 29.99 रुपये, आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में 29.02 रुपये और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 26.87 रुपये है। अंडमान एंड निकोबार में महज 4.93 रुपये लीटर वैट वसूला जा रहा है।
कई राज्य कम कर चुके हैं वैट की दरें
एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में कटौती के बाद डीजल और पेट्रोल के भाव अधिकांश जगहों पर सोमवार को लगातार चौथे दिन नहीं बदले। केंद्र सरकार के द्वारा पेट्रोल पर पांच रुपये और डीजल पर 10 रुपये लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी कम किया गया है। इसके बाद करीब 25 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने स्तर पर वैट कम कर चुके हैं। कुछ राज्यों ने अभी भी अपना वैट नहीं घटाया है। राजस्थान और दिल्ली भी ऐसे राज्यों की सूची में शामिल है।
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