Dehydration in Children: बच्चों के लिए डिहाइड्रेशन होता है बहुत खतरनाक, ऐसे करें उनका बचाव

 
Dehydration in Children: बच्चों के लिए डिहाइड्रेशन होता है बहुत खतरनाक, ऐसे करें उनका बचाव

गर्मी के दिनों में बड़ों की तुलना में बच्चों को डिहाइड्रेशन (Dehydration in Children) होने का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उनके शरीर में रिजर्व वाटर की कमी होती है। बच्चे बड़ों की तुलना में अधिक एक्टिव होते हैं और धूप में ज्यादा समय खेलने में बिताते है इसलिए उनमें डिहाइड्रेशन जैसे उल्टी, दस्त आदि की समस्या होने की संभावना भी अधिक होती है।

Dehydration in Children क्या है

डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम हो जाती है और शरीर में पर्याप्त मात्रा में फ्लूड ना होने के कारण यह ठीक से फंक्शन नहीं करता है। डिहाइड्रेशन के कई अलग कारण हो सकते हैं इसलिए आपको इन पर नजर बनाए रखनी चाहिए ताकि बच्चे में डिहाइड्रेशन को रोका जा सके।

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Dehydration in Children: बच्चों के लिए डिहाइड्रेशन होता है बहुत खतरनाक, ऐसे करें उनका बचाव
source: pexels

डिहाइड्रेशन का मतलब है कि पानी की कमी। जब बच्चों को बार बार उल्टी और दस्त होने लगते हैं जिस कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ज्यादा पानी की कमी में ऊतक तक सूख जाते हैं। तीन से पांच साल तक के बच्चों के लिए यह साक्षात मौत ही होती है। ज्यादातर माता पिता इसे हल्के तौर पर लेते हैं और यही वजह है कि हालात काफी बिगड़ जाते हैँ।

Dehydration in Children की समस्या को कैसे दूर करें

Dehydration in Children: बच्चों के लिए डिहाइड्रेशन होता है बहुत खतरनाक, ऐसे करें उनका बचाव
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  • बच्चे को अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करवाएं। सुनिश्चित करें कि वह एक दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिये।
  • उसे नींबू पानी, नारियल पानी, शिकंजी या अन्य पौष्टिक पेय पदार्थ पिलाएं।
  • उन्हें ऐसे फल खिलाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो। इसके लिए रोजाना केला, तरबूज, खरबूजा, खीरा, पपीता, संतरे इत्यादि फल बहुत फायदेमंद हैं।
  • गर्मियों में उन्हें रोजाना कम से कम एक कटोरी दही या छाछ जरूर पिलाएं। दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
  • ओआरएस घोल बनाकर उन्हें दिन में तीन से चार बार पिलाएं। यह डिहाइड्रेशन से आराम दिलाने का सबसे असरदार घरेलू तरीका है। जूस पिलाएं।
  • समस्या गंभीर होने पर बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।

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