Aaj ka shlok: गीता के इस श्लोक को पढ़कर दूर हो जाएंगे सारे कष्ट, मिलेगा मोक्ष...
गीता का पाठ करने या सार समझने के पश्चात ये निश्चित है कि व्यक्ति सदैव के लिए मोह माया के बंधन से छुटकारा पा लेता है. साथ ही उसको प्रतिदिन गीता का अध्ययन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ऐसे में आज हम आपके लिए हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ गीता का एक अन्य श्लोक लेकर आए हैं.
योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
आज का श्लोक
सिद्धयसिद्धयोः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते।।
तात्पर्य हैं कि सफलता और असफलता के मोह को त्याग कर, अपने कार्य को पूरे मन से समभाव से करो. समभाव की इस भावना को योग कहते हैं.
इस प्रकार, प्रतिदिन गीता के श्लोक या आज का श्लोक पढ़ने के बाद आप अपनी ज्ञानेंद्रियों को नियंत्रित रख सकते हो, साथ ही दुनिया के मायाजाल से परे अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण बना सकते हो.