Aaj ka shlok: श्री कृष्ण के इस श्लोक को पढ़कर दूर हो जाएगा माया-मोह, हर सुबह कीजिए गान...

 
Aaj ka shlok: श्री कृष्ण के इस श्लोक को पढ़कर दूर हो जाएगा माया-मोह, हर सुबह कीजिए गान...

Aaj ka shlok: प्रत्येक सुबह हम आपके लिए श्रीमद्भागवत गीता का एक श्लोक लेकर आते हैं. जिसे पढ़कर आप अपने दिन की शुरुआत करते हैं.

श्रीमदभागवत गीता का महत्व धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से देखने को मिलता है. इसकी उत्पत्ति तब हुई थी, जब महाभारत काल में श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था.

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गीता का पाठ करने या सार समझने के पश्चात ये निश्चित है कि व्यक्ति सदैव के लिए मोह माया के बंधन से छुटकारा पा लेता है. साथ ही उसको प्रतिदिन गीता का अध्ययन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

ऐसे में आज हम आपके लिए हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ गीता का एक अन्य श्लोक लेकर आए हैं.

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प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः।

अहंकारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते।।

आज का श्लोक

तात्पर्य है कि श्री कृष्ण कहते हैं कि हे पार्थ, इस संसार में सभी कर्म प्रकृति के गुणों से किए जाते हैं. जो कोई भी सोचता है, “मैं यह करने जा रहा हूँ” अहंकार से भर जाता है, ऐसे लोग अज्ञानी होते हैं.

इस प्रकार, प्रतिदिन गीता के श्लोक या आज का श्लोक पढ़ने के बाद आप अपनी ज्ञानेंद्रियों को नियंत्रित रख सकते हो, साथ ही दुनिया के मायाजाल से परे अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण बना सकते हो.

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