Chanakya Niti: नवरात्रों में भूल से भी ना करें इनका अपमान, वरना क्रोधित हो जाती हैं देवी मां

 
Chanakya Niti: नवरात्रों में भूल से भी ना करें इनका अपमान, वरना क्रोधित हो जाती हैं देवी मां

Chanakya Niti: हमारी भारतीय संस्कृति ही हमारे देश की पहचान है. भारत में प्रारंभ से ही कई मान्यताओं का प्रचलन है. जिसमें भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी आस्था रखते हैं. हालांकि आज के आधुनिक समय में लोग अपनी भारतीय संस्कृति को पीछे छोड़कर आगे चले जा रहे हैं.

लेकिन वास्तव में हमारे भारत को स्वर्ण युग बनाने वाली हमारी भारतीय संस्कृति बेहद महत्वपूर्ण है. यह हमारे देश की पहचान है. यही कारण है कि चाणक्य ने अपनी नीतियों में कुछ ऐसे संस्कारों को जोड़ा है जिनसे समाज ही नहीं बल्कि स्वयं व्यक्ति का भी कल्याण होता है.

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चाणक्य द्वारा बताई गई इन संस्कारी नीतियों में ऐसी बातें बताई है जिनको करने पर आप अपने जीवन में बड़े कष्टों का भोग करते हैं. अपनी जिद, घमंड या अज्ञानता में आप जो चीजें कर लेते हैं उनसे आपकी सात पीढ़ियों तक को दोष भोगना पड़ता है. तो चाणक्य के अनुसार आपको इन बातों का ध्यान अवश्य रखना है, जिनसे आप अपने जीवन को सफल और कष्ट मुक्त कर सकते हैं.

Chanakya Niti: नवरात्रों में भूल से भी ना करें इनका अपमान, वरना क्रोधित हो जाती हैं देवी मां

बड़ों का आदर सम्मान, जिंदगी में लाता है तरक्की

हमारे देश में बचपन से ही बच्चों को यह सिखाया जाता है कि वह बड़ों का सम्मान करें. यह कहने वाली बात नहीं है बल्कि हमारे शास्त्रों और हमारी भारतीय संस्कृति में भी बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाया गया है.

जो लोग अपने जीवन में बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं, उन्हें अपने जीवन में तरक्की नहीं मिलती है. इसीलिए सफलता को आसान बनाना है तो बड़ों का सम्मान करना जरूरी है. इतना ही नहीं यह आपके व्यक्तित्व को भी निखारता है.

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गाय को कभी ना मारें लात

चाणक्य नीति ही नहीं बल्कि हिंदू धर्म में भी गाय का बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. धार्मिक शास्त्रों में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. हिंदू धर्म में गाय एकमात्र ऐसा जानवर है जिसमें 33 करोड़ देवी देवताओं का वास माना गया है.

इसलिए कभी भी आपको गाय को परेशान नहीं करना चाहिए और उसे लात नहीं मारनी चाहिए. अगर हम अन्य दृष्टि से देखें तो गाय हमें शुद्ध दूध और दही प्रदान करती है ऐसे में आपको निस्वार्थ भाव से शुद्ध दूध देने वाली गाय को कभी अपमानित नहीं करना चाहिए.

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अग्नि में पैर देना भी है गलत

हिंदू धर्म में अग्नि को देवता माना गया है. सृष्टि निर्माण के पांच तत्वों में से एक अग्नि है. जो बेहद शुद्ध मानी गई है. घर के शुभ कार्य जैसे विवाह आदि अग्नि को साक्षी मानकर किए जाते हैं. ऐसे में अग्नि को पैर दिखाना या पैर मारना आपके जीवन में दरिद्रता व अपशगुन लेकर आता है.

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ब्राह्मण का करें सम्मान, मिलेगा पुण्य हर बार

हिंदू धर्म में ब्राह्मण का स्थान भी बेहद महत्वपूर्ण है. कोई भी शुभ कार्य ब्राह्मण के भोग के बिना अधूरा माना जाता है. ब्राह्मण को दान पुण्य करना शुभकारी माना जाता है. हालांकि आज के समय में ढोंगी ब्राह्मण भी रहा करते हैं. लेकिन आपके कर्म के लिए ब्राह्मण का सम्मान करना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है.

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नन्हे शिशु में होता है देव का वास, ना करें कभी उनके संग बुरा आचार

चाणक्य कहते हैं कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं. एक नन्हा शिशु दुनिया के हर बुरे कर्म व भाव से दूर होता है. ऐसे में आपको कभी भी नन्हे बच्चों को नहीं सताना चाहिए. बच्चों को लात मारने वाले या उन्हें अपमानित करने वाले लोगों के घर में कभी सुख व समृद्धि नहीं रह पाती है.

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गुरु का सम्मान ना करने वालों का होता है सर्वनाश

हिंदू धर्म में गुरु का स्थान माता पिता से भी उच्च माना गया है. गुरु जीवन वह शस्त्र होता है जो हमें हर दुश्मन से लड़ने की शिक्षा देता है. ऐसे में गुरु का आदर करना आपका कर्तव्य है. इसलिए गुरु का सम्मान करें और अपने जीवन को सफल बनाएं.

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छोटी कन्याओं में होता है देवी का वास

नवरात्रि के दिन माता दुर्गा के दिन होते हैं. इन दिनों छोटी कन्याओं को भोज कराया जाता है और उनका सम्मान किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म में छोटी कन्या को देवी तुल्य माना गया है. ऐसे में छोटी कन्याओं का अपमान करना या उन्हें पैर मारना आपके जीवन को नष्ट करने के लिए काफी है.

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देवी माता आपसे नाराज हो जाएंगी और आपके जीवन का सर्वनाश करने में उन्हें समय नहीं लगेगा. इसीलिए छोटी कन्याओं को कभी पैर ना मारे अथवा कुंवारी कन्याओं का सम्मान करें.

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