Chanakya Niti: इस तरह से मिनटों में पता चल जाएगा कौन है अपना, और कौन है पराया?
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य नीति महान विद्वान चाणक्य द्वारा लिखी गई नीति है. जो जीवन के हर मुश्किल पड़ाव में व्यक्ति की सहायता करती है. रिश्तों की परख करना भी चाणक्य नीति के नीति सीख का एक हिस्सा है. दरअसल जीवन में सुख दुख का आना जाना लगा रहता है.
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लेकिन सुख में आपका साथ देने लोग जब आपके दुख में भी बराबर का साथ दे तो ऐसे लोग अपने करीब लोगों की श्रेणी में आते हैं. वहीं कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने होकर भी पराए होते हैं. लेकिन अपनों के बीच में इन पराए लोगों की पहचान आखिर कैसे करी जाए, यह चाणक्य नीति में बताया गया है.
तो आइए जानते हैं कुछ विशेष बातों से आप कैसे अपने और पराए की पहचान कर सकते हैं.
स्पष्ट रहने वाले लोग सदा रहेंगे आपके लिए मौजूद
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवन में जो लोग आपके साथ स्पष्ट रूप से जुड़े होते हैं वह आपके अपने होते हैं. सच बोलने वाले लोग हमेशा सबको पसंद नहीं आती लेकिन आखिरकार वही ऐसे होते हैं जो स्पष्ट रूप से बोलते हैं. जो इंसान आपके साथ स्वार्थ ईर्ष्या आदि भावना रखता है वह कभी अपना नहीं हो सकता है.
जिसमें नहीं है त्याग की भावना वह होता है पराया
चाणक्य कहते हैं कि यदि आपको आजमाना है कि कौन आपका अपना है और कौन आपका पराया है तो त्याग की परीक्षा लीजिए. जो आपका अपना होगा वह अपना सर्वस्व त्याग करने के लिए हमेशा तत्पर रहेगा. जो आपका अपना नहीं होगा वह आपके लिए और आपकी खुशी के लिए किसी भी प्रकार का त्याग नहीं कर पाएगा.
लालची व्यक्ति किसी का भी नहीं होता है अपना
एक लालची व्यक्ति कभी भी किसी का सगा नहीं हो सकता है. चाहे पैसों का लालच हो या किसी और चीज का लालची व्यक्ति अपने लालच के लिए बेहद स्वार्थी बन जाता है. इसलिए यदि आपके बीच कोई ऐसा व्यक्ति है जो किसी चीज का लालच रखता है वह आपका अपना नहीं हो सकता है.