Chanakya Niti: इन 2 पक्षियों से सीखें जीवन जीने की कला, हर कदम चूमेगी सफलता

 
Chanakya Niti: इन 2 पक्षियों से सीखें जीवन जीने की कला, हर कदम चूमेगी सफलता

Chanakya Niti: चाणक्य नीति के हर एक पन्ने में आपको सीखने को बहुत कुछ मिलेगा. जीवन के जुड़े हर अध्याय में चाणक्य नीति का अपना एक सूत्र है. जो कि आपको बेहतर बनाने में मददगार साबित होता है. इसी के साथ ही चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में तीन ऐसे पक्षियों का जिक्र भी किया है. जिनसे आप कई तरह के गुणों को प्राप्त कर सकते हैं.

दरअसल इस धरती पर कई तरह के जीव जंतु हैं. जिनकी अपनी अपनी कुछ विशेष खासियत है. हालांकि मनुष्य भगवान की सबसे सुंदर कृति है. लेकिन इसके बावजूद पक्षियों की इन तीन प्रजातियों से मनुष्य को भी सीख लेनी चाहिए. यदि आप इन पक्षियों के गुण प्राप्त कर लेते हैं तो आप जीवन में कामयाबी का रास्ता प्रशस्त कर सकते हैं.

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Chanakya Niti: इन 2 पक्षियों से सीखें जीवन जीने की कला, हर कदम चूमेगी सफलता

कोयल बताती है बोलने का ढंग

तावन्मौनेन नीयन्ते कोकिलश्चैव वासराः । यावत्सर्वं जनानन्ददायिनी वाङ्न प्रवर्तते॥

इस श्लोक के मुताबिक चाणक्य नीति में कहा गया है कि बोली ही व्यक्ति की पहचान है. आप अपनी बोली से ही लोगों को अपना बना सकते हैं और इसी बोली से अपनों को भी पराया कर सकते हैं. जिस प्रकार एक कोयल मीठा बोलती है और सबको पसंद करती है. लेकिन वह तब तक ही बोलती है जब तक वह मीठे स्वर लगा सकती है. जब वह मीठा नहीं बोल पाती तो चुप हो जाती है. उसी प्रकार मनुष्य को भी मीठा बोलना चाहिए और अगर वह अच्छे शब्दों को मुंह से नहीं निकाल सकता है तो उसे चुप ही रहना चाहिए.

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बगुला से सीखिए आप यह विशेष गुण

इंद्रियाणि च संयम्य बकवत् पंडितो नरः। वेशकालबलं ज्ञात्वा सर्वकार्याणि साधयेत्।।

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इस श्लोक के अनुसार चाणक्य कहते हैं कि जिस प्रकार बदला संयम रखता है उसी प्रकार मनुष्य को भी संयम रखना चाहिए. बगुला संयम रखकर अपनी एकाग्रता को बढ़ाता है और अपने उद्देश्य को प्राप्त करता है. उसी प्रकार मनुष्य को भी संयम रखना चाहिए. संयम से ही वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है.

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मुर्गा सामान्य गुणों की है खान

प्रत्युत्थानं च युद्ध च संविभागं च बन्धुषु। स्व्यमाक्रम्य भुक्तं च शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्।।

हम सभी जानते हैं कि मुर्गा सुबह जल्दी उठता है. लेकिन इसके अलावा डटकर मुकाबला करना, मिल बांटकर खाना और खुद हमला कर अपना भोजन जुटाना मुर्गे के विशेष गुण हैं. अगर मनुष्य इन चारों गुणों को प्राप्त कर लेता है तो उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक पाता है.

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