Ganesh Chaturthi Puja: इन विधियों और नियमों के साथ करें गणपति की आराधना, पूरी होगी हर कामना
Ganesh Chaturthi Puja: पूरे भारतवर्ष में गणेश चतुर्थी का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व में भगवान गणेश जी का पूजन विधि पूर्वक किया जाता है. भगवान गणपति जी को 10 दिन के लिए अपने घर अतिथि के रूप में रखा जाता है. उनकी सेवा और पूजा अर्चना की जाती है. गणेश चतुर्थी के अंतिम दिन यानि अनंत चतुर्दशी को गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है.
ये भी पढ़े:- 10 दिन श्रीगणेश को लगाएं ये 10 भोग, खुशियों से बप्पा भर देंगे झोली
इस साल की गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा. जिसके लिए अब कुछ ही दिन बाकी है. हिंदू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का त्योहार इस वर्ष 10 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. जिस का समापन 19 सितंबर को यानि अनंत चतुर्दशी के दिन होगा. तो आइए इस गणेश चतुर्थी गणेश जी की पूजा अर्चना से जुड़ी कुछ विधि को जान लेते हैं.
गणेश चतुर्थी के पर्व में आप निम्न लिखित नियमों का पालन अवश्य करें
सबसे पहले गणेश चतुर्थी के पूजन से पहले आपको प्रातः काल उठकर स्नान कर लेना चाहिए.
इसके बाद तांबे या फिर मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा को अपने घर में स्थापित करना चाहिए. गणेश जी की यह प्रतिमा बेहद शुभ मानी जाती है. गणेश चतुर्थी के पर्व में घर में प्रतिमा स्थापित करना आवश्यक भी माना जाता है.
इसके बाद कलश में जल भर के और कलश के मुंह को नए वस्त्र से ढक कर गणेश जी की स्थापना की जानी चाहिए.कलश की स्थापना के समय कलश पर रोली और चावल भी अवश्य लगाएं.
भगवान गणेश जी को दूर्वा, सिंदूर, 21 मोदक चढ़ाने के बाद उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना की जानी चाहिए.गणेश जी इस विधि विधान से किए गए पूजन से काफी प्रसन्न होते हैं. गणेश जी को यह सभी चीजें अत्यंत प्रिय हैं.
गणेश जी की आरती के बाद भक्तों में प्रसाद को बांटने से गणपति जी प्रसन्न होते हैं.
ध्यान रखें, गणेश चतुर्थी के पूजन में आपको ध्यान रखना है कि गणेश जी को कभी भी तुलसी के पत्ते ना चढ़ाएं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी के पूजन में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है. अतः आप भी गणेश पूजन में तुलसी का प्रयोग ना करें.