Hanuman ji: पांचों भाइयों ने बसाई थी अपनी गृहस्थी, केवल बजरंगबली ने नहीं किया था विवाह…जानिए हनुमान जी के परिवार के बारे में...

 
Hanuman ji: पांचों भाइयों ने बसाई थी अपनी गृहस्थी, केवल बजरंगबली ने नहीं किया था विवाह…जानिए हनुमान जी के परिवार के बारे में...

Hanuman ji: भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी की आज मंगलवार के दिन पूजा की जाती है. हनुमान जी ने अपना सारा जीवन भगवान श्री राम की सेवा में लगा दिया.

जिस कारण आज वह हिंदू धर्म के प्रमुख देव के तौर पर पूजे जाते हैं. साथ ही इन्हें चिरंजीवी होने का वरदान भी मिला है. हनुमान जी अपने भक्तों को बुरी शक्तियों के प्रभाव से बचाते हैं.

साथ ही उन्हें बल, बुद्धि और ज्ञान देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी का जन्म कैसे हुआ और कैसा था उनका परिवार? यदि नहीं. तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको यही बताने वाले है.

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हनुमान जी के परिवार और जन्म के बारे में कई सारे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है. जिनमें रामचरितमानस, ब्रह्मांड पुराण और सुंदरकांड प्रमुख है. इनमें हनुमान जी के बारे में सुविस्तार से वर्णन किया गया है.

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इस स्थान पर हुआ था बजरंगबली का जन्म…

हनुमान जी ने माता अंजनी और केसरी के यहां जन्म लिया था. धार्मिक मान्यताओं के आधार पर, हनुमान जी का जन्म त्रेतायुग में आज से 58 हजार 112 वर्ष पहले मंगलवार के दिन हुआ था.

इनका जन्म स्थान वर्तमान में झारखंड राज्य के गुमला जिले में स्थित एक आंजन नामक एक पहाड़ी गांव की एक गुफा के भीतर हुआ था.

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हनुमान जी के जन्म के समय चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के योग में चैत्र पूर्णिमा वाले दिन सुबह के 06:03 मिनट पर हुआ था.

कहते हैं एक बार जब माता अंजनी वन में विहार कर रही थी, तब पवन देव ने भगवान शिव की आज्ञा का पालन करते हुए उन्हें स्पर्श किया.

जिसके बाद जब माता अंजनी पवन देव को श्राप देने लगी, तभी पवन देव ने कहा कि हे माता! आपको भगवान शिव के आशीर्वाद से एक महापराक्रमी बालक की उत्पत्ति होगी.

जिससे सूर्य देव के साथ महादेव का भी आशीर्वाद मिलेगा. वह धरती पर बल, बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक होगा, जिसे आगे चलकर भगवान श्री राम के परम भक्त के तौर पर जाना जाएगा. यही कारण है कि हनुमान जी को पवन देव का पुत्र भी कहा जाता है.

माता अंजनी और केसरी के सबसे बड़े पुत्र हैं हनुमान जी

हनुमान जी के पिता केसरी जी बृहस्पति देव के पुत्र थे, जबकि उनकी माता अंजनी एक अप्सरा थीं. जिनको भगवान शिव के आशीर्वाद से हनुमान जी की प्राप्ति हुई थी.

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उसके बाद माता अंजनी और केसरी के पांच पुत्र और हुए. जिनके नाम मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गातिमान और धृतिमान है. कहते हैं हनुमान जी के अलावा उनके पांचों भाई गृहस्थ आश्रम ग्रहण किए हुए थे.

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जबकि हनुमान जी ने ब्रह्मचर्य का पालन किया था. हालांकि कई जगह हनुमान जी के विवाहित होने की बात कहीं गई है, और मकरध्वज को हनुमान जी के पुत्र के तौर पर जाना जाता है.

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इतना ही नहीं, कई जगह ये भी बताया गया है कि महाभारत काल में जन्मे महाबली भीम भी हनुमान जी के ही अनुज भाई थे.

इस प्रकार ये था हनुमान जी का पूरा परिवार. बाकी हनुमान जी के विवाह ना करने और उनके जन्म के उद्देश्य के बारे में आगे के लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे.

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