Hindu Dharm Facts: देवभूमि स्थित इस पवित्र झरने की एक भी बूंद नहीं पड़ती है पापियों पर, जानिए क्या है कारण…
Hindu Dharm Facts: देवभूमि आरंभ से ही हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है. जहां कई प्रकार के धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जोकि अपनी विशेष धार्मिक मान्यताओं के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको देवभूमि स्थित एक ऐसे झरने के बारे में बताने वाले हैं, जिसको लेकर कहा जाता है. कि इस झरने की एक भी बूंद ऐसे व्यक्ति पर नहीं पड़ती है, जोकि पापी और कपटी होता है. हालांकि इस बात पर पूर्णतया विश्वास करना थोड़ा कठिन है, लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसा ही झरना मौजूद है. जहां गिरने वाला पानी कभी भी किसी पापी के ऊपर नहीं पड़ता है. तो चलिए जानते हैं…
आखिर देवभूमि में कहां मौजूद है ये झरना?
ये रहस्यमयी झरना देवभूमि के चमौली जिले में बद्रीनाथ के आसपास स्थित है. माना जाता है कि ये झरना काफी महत्वपूर्ण है, जिसकी विशेष धार्मिक मान्यता है. ये झऱना बद्रीनाथ से 8 किलोमीटर स्थित भारत के अंतिम गांव के समीप स्थापित है. जिसे वसुधरा झरने के नाम से जाना जाता है. जहां प्राचीन समय में आठ वसुओं ने तप भी किया था. इस रहस्मई झऱने का उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है.
कहते है करीब 400 फीट ऊंचाई से बहने वाला ये झरना जब गिरता या बहता है, तब इसमें से निकलने वाली जलधारा मोतियों के समान बहती है. जिसके गिरते ही इसमें से निकलने वाली धारा स्वर्ग की जलधारा के समान पवित्र होती है. मान्यता है कि इसमें से निकलने वाली पानी की बूंद किसी भी पापी पर नहीं पड़ती है. ये झरना इतना पवित्र है कि इसकी बूंद किसी भी पापी के शरीर पर नहीं पड़ती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पांचों पांडव भाईयों में सबसे अनुज सहदेव ने इसी झरने के समीप अपने प्राण त्यागे थे. यही कारण है कि ये झरना इतना पवित्र माना जाता है. इतना ही नहीं, कहते हैं इस झरने का पानी जिस किसी पर भी पड़ता है, वह पुण्य व्यक्ति होता है. और जिस किसी को भी इस झरने का पानी स्पर्श करता है, वह व्यक्ति सदा के लिए निरोगी हो जाता है.