Hindu dharm: माता सीता और द्रौपदी में किसका जीवन था ज़्यादा कष्टकारी?
Hindu dharm: माता सीता और द्रौपदी को कौन नहीं जानता. हिंदू धर्म में दोनों का ही अपना महत्व है. एक भगवान श्रीराम की अर्द्धांगिनी तो दूसरी पांडवों की भार्या. इतिहास पर नज़र डालें तो दोनों अपने अपने युग में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. रामायण या महाभारत इन दोनों नारियों के बिना अधूरे हैं. जब भी रामायण की बात आती है तो माँ सीता को नमन किया जाता है और जब भी महाभारत की बात आती है तो द्रौपदी को जानने का मौक़ा मिलता है.
यूँ तो माँ सीता और द्रौपदी दोनों का जन्म अलग अलग युग में हुआ पर क्या आप जानते हैं की दोनों के जीवन में काफ़ी समानताएँ भी हैं. ये सभी जानते हैं कि दोनों के जीवन में बहुत कष्ट रहें हैं और दोनों को अपने जीवन में कई चुनैतियों का सामना करना पड़ा है.
सीता और द्रौपदी के जीवन में समानता
1-माता सीता और द्रौपदी दोनों ने ही किसी के गर्भ से जन्म नहीं लिया.
2-दोनों का विवाह स्वयंवर के बाद हुआ.
3- दोनों ही राजसी परिवार से थीं पर रानी होने के बावजूद दोनों ने कष्ट भरा जीवन देखा.
4- दोनों के ही चरित्र पर संदेह किया गया. माना जाता है कि दोनों माता सती का रूप थीं.
सीता और द्रौपदी में किसने सहा ज़्यादा कष्ट
यूँ तो दोनों ही देवियों ने अपने जीवन में पग पग पर कष्ट सहा . दोनों का जीवन दुखों से भरा रहा. दोनों के कष्टों की तुलना नहीं की जा सकती. दोनों ने अपने जीवन के हर मोड़ पर कष्ट सहा. दोनों ने बहुत चुनौतियों का सामना किया. पर दोनों आज भी पूजनीय हैं और दोनों के त्याग को कभी बुलाया नहीं जा सकता. दोनों त्याग की देवियाँ थीं.
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