Hindu Nav Varsh 2022: इसलिए अप्रैल में मनाया जाता है हिन्दू नववर्ष, जानिए गुड़ी पड़वा का महत्व...

 
Hindu Nav Varsh 2022: इसलिए अप्रैल में मनाया जाता है हिन्दू नववर्ष, जानिए गुड़ी पड़वा का महत्व...

Hindu Nav Varsh 2022: हिन्दू नववर्ष का अवसर नवसृजन, नवउत्साह और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेने का है. पौराणिक मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना की गई थी, और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह दिन मुख्यतः अप्रैल माह के प्रारंभ में आता है.

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन सृष्टि की रचना होने के कारण इस दिन को हिन्दू नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है,

जैसे गुड़ीपड़वा, संवत्सरारंभ, युगादि और इसे वसन्त ऋतु के प्रारम्भ का दिन भी कहा जाता है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन नववर्ष मनाने के कई कारण है, इसमें आध्यात्मिक, ऐतिहासिक व नैसर्गिक कारण भी शामिल हैं.

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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (नववर्ष)

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवसंवत्सर शुरू होती है या विक्रम संवत वर्ष की शुरुआत होती है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन हिन्दू नववर्ष मनाने के कई कारण हैं.

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इसका ऐतिहासिक कारण यह है कि इस दिन मालवा नरेश विक्रमादित्य ने शकों को पराजित कर विक्रम संवत का प्रवर्तन किया था. इसी दिन शालिवाहन राजा ने अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी,

इसी कारण इस दिन से शालिवाहन पंचांग की शुरुआत होती है. सृष्टि के रचयिता ब्राह्मदेव द्वारा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन सृष्टि की रचना की थी.

गुड़ीपड़वा का महत्व

चैत्र मास का आगमन फाल्गुन माह के जाने के बाद उत्साह पूर्वक किया जाता है. सुहावना मौसम होता है और चारों तरफ खुशनुमा माहौल बना रहता है.

हमारी भारतीय संस्कृति के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा के रूप में भी मनाया जाता है.

अगर हम इस दिन का महत्व लोक मान्यता के अनुसार देखें तो इस दिन भगवान राम का और उसके बाद फिर महाभारत काल में पांडु के पुत्र युधिष्ठिर का राज्यारोहण किया गया था.

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