Kaal sarp yog: कहीं आपकी कुंडली में भी तो मौजूद नहीं है ये जटिल योग, जो बन रहा है आपकी तरक्की में बाधा…
Kaal sarp yog: व्यक्ति की कुंडली में मौजूद अनेक ग्रह उसके सम्पूर्ण जीवन पर प्रभाव डालते हैं. ऐसे में यदि आपके भी जीवन के हर क्षेत्र में कोई ना कोई समस्या आ रही है.
और लाख कोशिशों के बावजूद आपको धन, प्रेम, परिवार और करियर के मामलों में प्रगति नहीं मिल रही है, तो कहीं ना कहीं ये आपके कुंडली में मौजूद ग्रहों के कारण हो रहा है.
आपकी कुंडली में मौजूद ग्रह मिलकर एक योग बनाते हैं, जिसका अच्छा और बुरा प्रभाव ही व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है.
ऐसे में आज हम कुंडली में मौजूद काल सर्प योग के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे कि आखिर किन ग्रहों के संयोजन से ये योग बनता है और ये कितने प्रकार का होता है?
और किसी व्यक्ति की कुंडली में मौजूद होने के कारण कैसे उसपर प्रभाव डालता है. तो चलिए जानते हैं क्या है काल सर्प योग…
काल सर्प योग क्या है?
काल सर्प योग अगर आपकी कुंडली में मौजूद है, तो वह प्रेम, करियर, धन और व्यापार आदि सारे ही क्षेत्रों में आपके ऊपर प्रभाव डालता है.
काल सर्प योग आपकी कुंडली में तब पाया जाता है, जब आपकी कुंडली के सात बड़े ग्रहों पर राहु और केतु की छाया पड़ने लगती है. या वे राहु और केतु के मध्य आ जाते हैं.
तभी आपकी कुंडली में काल सर्प या वासुकी काल सर्प योग बनने लगता है. जो आपके सम्पूर्ण जीवन को पूर्णतया प्रभावित करता है.
जिसका शीघ्र निराकरण करके ही आप जीवन में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं. ऐसे में कहीं आपकी कुंडली में तो काल सर्प योग नहीं है,
इसका निर्धारण करने के लिए आपको अवश्य ही किसी ज्योतिष को अपनी कुंडली दिखानी चाहिए. हालंकि कई बार देखा गया है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में यदि राज योग है,
तो ऐसे में वहां काल सर्प अधिक प्रभावशाली नहीं होता है, लेकिन फिर भी इसके होने पर व्यक्ति को काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
काल सर्प योग के प्रकार और उनका आपके जीवन पर असर…
वासुकी काल: इस योग के कुंडली में होने पर व्यक्ति की अपने भाई बहनों और परिवार जनों से अक्सर कलह होती है. साथ ही ऐसे व्यक्ति को लाख कोशिशों के बावजूद अपने प्रयासों में सफलता नहीं मिलती है.
अनंत काल: इस योग के कुंडली में मौजूद होने पर व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आने लगती हैं. और अगर विवाह नहीं हुआ होता है, तो विवाह होने में देरी और यहां तक कि विवाह का योग भी समाप्त हो जाता है.
कुलिक योग: इस काल सर्प योग के कुंडली में होने पर व्यक्ति बुरी आदतों की चपेट में आ जाता है. साथ ही इस योग के चलते व्यक्ति दिवालिया तक हो जाता है और उसे काफी आर्थिक नुकसान होता है.
पदम योग: इस योग के चलते व्यक्ति की संतान को काफी कष्ट सहना पड़ता है. आपकी संतान की शिक्षा में कई सारे अवरोध आ जाते हैं, साथ ही उसकी परवरिश भी ठीक तरह से नहीं हो पाती है.
शंखपाल योग: इस काल सर्प योग के चलते व्यक्ति के स्वास्थ्य, बचपन और युवावस्था को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं. यहां तक कि आपकी बुरी संगत के चलते कई बार आपको आजीविका कमाने में भी काफी संघर्ष करना पड़ जाता है. और आप पढ़ाई लिखाई भी ढंग से नहीं कर पाते हैं.
महापदम योग: काल सर्प योग का ये प्रकार व्यक्ति को मुकदमे बाजी में फंसाए रखता है. व्यक्ति के दुश्मन भी बढ़ जाते हैं और उसे व्यापार में भी काफी नुकसान होता है. हालंकि यदि ये योग आपकी कुंडली में लाभ दर्शाता हो, तब इससे आपकी शक्तियां बढ़ती हैं और आपके वर्चस्व में भी बढ़ोतरी होती है.