Karthik Month 2022: कार्तिक महीने में विधिवत कराएं तुलसी माता और विष्णु जी का विवाह, मिलेगा पुण्य

Karthik Month 2022: हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है. तुलसी का पौधा धार्मिक ही नहीं बल्कि कई रोगों का नाश करने में भी हितकारी है. तुलसी के पौधों से कई औषधियों का निर्माण भी होता है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है.
जिसके चलते इस पौधे की पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. हालांकि लोग रोजाना तुलसी माता को जल अर्पित करते होंगे व संध्याकाल में दीपक जलाते होंगे. लेकिन कार्तिक मास में तुलसी की पूजा का महत्व अत्यधिक प्रबल हो जाता है.
दरअसल, कार्तिक मास एक ऐसा महीना है जिसमेें व्रत, दान व पवित्र स्नान करने से जीवन में सुखों व शांति की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि इस पूरे महीने में भगवान विष्णु जी और माता तुलसी की पूजा की जाती है. इस वर्ष कार्तिक मास की शुरुआत 10 अक्टूबर से होगी व 8 नवंबर को समाप्ति होगी.

तुलसी माता तथा शालिग्राम का विवाह
इस माह में तुलसी माता का विष्णु जी का स्वरूप शालिग्राम संग विवाह कराया जाता है. माना जाता है कि विष्णु जी को तुलसी बेहद प्रिय होती है. तुलसी के बिना तो विष्णु जी की पूजा ही अधूरी होती है. दरअसल, तुलसी लक्ष्मी जी का स्वरूप है तो इस प्रकार लक्ष्मी स्वरूपा तुलसी जी के बिना तो कार्तिक माह में विष्णु जी की पूजा भी अधूरी मानी जाती है.
तुलसी पूजा में बोलें इन मंत्रों को
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।
तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
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एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

कार्तिक मास में तुलसी पूजा की विधि
1. कार्तिक माह में रोजाना आप प्रातः काल उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाए.
2. इसके बाद एक पवित्र लोटे में पवित्र जल भर लीजिए.
3. इस पवित्र जल को आप माता तुलसी के पौधे की जड़ में श्रद्धा से अर्पित करें.
4. इसके अलावा रोली से तुलसी के गमले में स्वास्तिक का चिन्ह भी बनाए.
5. इसके बाद अपनी पूजा को विधिवत प्रारंभ करें.
6. पूजा ने शुरुआत में पहले जल अर्पित करें फिर तुलसी के पौधे पर फूल, माला, सिंदूर, अक्षत , चुनरी आदि को चढ़ाएं.
7. घी का दीपक और धूप जलाकर तुलसी माता का आवाह्न करें.
8. फिर तुलसी माता को भोग लगाएं, विधि विधान सहित आरती करें.