Sawan 2021: राशि के अनुसार जानें भोलेनाथ को प्रसन्न करने के उपाय
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव भक्तों की पूजा-पाठ से बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। उनके इसी गुण के कारण वे समस्त संसार में भोलेनाथ के नाम से जाने जाते हैं। भगवान शिव के इसी स्वभाव के कारण असुर भी उन्हीं की तपस्या कर उनसे मनचाहा वरदान प्राप्त कर लेते थे।
राशि के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के अलग अलग उपाय हैं:
मेष राशि
मेष राशि का स्वामी मंगल है जिसका पूजन शिवलिंग रूप में किया जाता है। मेष राशि के लोग शिवलिंग पर कच्चा दूध एवं दही और धतुरा अर्पित करें। कपूर का दिया जलाकर शिवलिंग की आरती करने से भी भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होंगे।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातक भगवान शिव को गन्ने के रस से अभिषेक करें। तत्पश्चात शिवलिंग पर मोगरे का ईत्र अर्पित कर मिठाई का भोग लगाएं और आरती करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लोग स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करें। इसके अतिरिक्त लाल गुलाल, कुमकुम, चंदन, ईत्र आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें और शिवलिंग को आक के फूल अर्पित करें। इसके पश्चात् मीठे व्यंजन का भोग लगाकर आरती करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों को बैर एवं आटे से बनी रोटी का भोग लगाकर, अष्टगंध एवं चंदन से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध और जल चढ़ाएं।
तुला राशि
तुला राशि के लोग शुद्ध जल से शिवजी का अभिषेक कर फूल, बिल्व पत्र, मोगरा, गुलाब, चावल, चंदन आदि भगवान शिव को अर्पित करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों को शुद्ध जल में शहद, घी आदि मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इसके पश्चात पूजन और आरती कर शिवलिंग पर लाल रंग के पुष्प अर्पित करें। पूजन के पश्चात् मसूर की दाल दान करने का भी विशेष महत्व है।
धनु राशि
धनु राशि के लोग पके हुए चांवल को ठंडा कर उनसे शिवलिंग का श्रृंगार करें। इसके पश्चात सुखे मेवे का भोग लगाकर बिल्व पत्र, गुलाब आदि अर्पित करें और शिवजी की आरती करें।
मकर राशि
मकर राशि के लोग गेहूँ से शिवलिंग को पूरी तरह से ढककर पूजन-आरती करें। पूजन के पश्चात् गेहूँ का दान कर दें। इससे आपको अवश्य लाभ प्राप्त होगा।
कुंभ राशि
कुम्भ राशि के लोगों को सफेद और काले तिल को मिलाकर एकांत स्थान पर स्थापित शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। इसके बाद तिलयुक्त जल से स्नान कराकर पूजन और आरती करें।
मीन राशि
मीन राशि के लोगों को रात में पीपल के नीचे बैठकर शिवलिंग का पूजन और ऊँ नम: शिवाय का पैंतीस (35) बार उच्चारण करना चाहिए। शिवलिंग पर चने की दाल और बिल्वपत्र चढ़ाएं और पूजन के बाद चने की दाल का दान करें।
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