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Wednesday, March 22, 2023
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Shabari jayanti 2023: माता शबरी ने क्यों खिलाए थे श्री राम को झूठे बेर? जानें ये अनूठी कहानी…

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Shabari jayanti 2023: हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस साल शबरी जयंती कुंभ संक्रांति के दिन मनाई जाएगी, मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा के साथ ईश्वर की भक्ति करता है, उसे ईश्वर के दर्शन अवश्य प्राप्त होते हैं. आपने धार्मिक पुराणों में शबरी की कहानी अवश्य सुनी होगी. जिसके कारण ही भक्त और भगवान के बीच समर्पण और प्रेम का यह पर्व शबरी जयंती के नाम से जाना जाता है, आज इस पर्व से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में हम जानेंगे. तो चलिए जानते हैं…

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Image credit:- unsplash

शबरी जयंती का धार्मिक महत्व और कहानी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बार कुंभ संक्रांति के दिन शबरी जयंती मनाई जाएगी. शबरी जयंती के दिन भगवान श्री राम और माता शबरी की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर आपको अवश्य ही जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है.

शबरी जयंती वाले दिन आपको माता शबरी और भगवान श्री राम का विधि विधान से स्मरण करना चाहिए, इस दिन आप व्रत का पालन करके भी भगवान श्रीराम का आशीर्वाद पा सकते हैं.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता शबरी का नाम श्रमणा था. जो कि भगवान श्रीराम की अनन्य भक्त थी. कहा जाता है कि जब उनका विवाह भील कुमार से तय किया गया, तब उन दिनों विवाह से पहले जानवरों की बलि दी जाती थी,

shabari jayanti
Imgaecredit:- unsplash

जिसके बाद माता शबरी ने विवाह करने से इंकार कर दिया. एक अन्य कहानी के अनुसार माता शबरी अपने पति के अत्याचारों से परेशान होकर वन में रहने चली गई थी, तब उन्होंने भगवान श्री राम की भक्ति करना शुरू की थी.

कहते हैं तभी इसी दौरान उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान श्रीराम ने उन्हें दर्शन दिए, इस दौरान उन्होंने भगवान श्रीराम को बेर खाने के लिए दिए, कहा जाता है कि माता शबरी ने भगवान श्री राम को झूठे बेर खिलाए थे,

इसके पीछे कारण यह था कि माता शबरी नहीं चाहती थी भगवान श्रीराम को जो वह बेर खिलाए वह खट्टे निकल जाए, उन्होंने भगवान श्री राम को झूठे बेर खिलाए थे, इस दौरान जो खट्टा बेर होता था उसे वह खुद खा लेती थी,

ये भी पढ़ें:- इस गांव को कहते हैं भगवान श्री राम का ननिहाल, जहां मौजूद है भगवान श्री राम का भव्य मंदिर…कीजिए दर्शन!

और बेर का मीठा हिस्सा भगवान श्रीराम को खाने के लिए दे देती थी. भगवान श्री राम माता शबरी के इस व्यवहार से काफी प्रसन्न हुए, तबसे माता शबरी और भगवान श्री राम की भक्ति के प्रमाण के तौर पर शबरी जयंती मनाई जाती है.

Anshika Johari
Anshika Joharihttps://hindi.thevocalnews.com/
अंशिका जौहरी The Vocal News Hindi में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं. उनकी रुचि विशेषकर धर्म आधारित विषयों में है. अपने धार्मिक लेखन की शुरुआत उन्होंने Astrotalk और gurukul99 जैसी बेवसाइट्स के साथ की है. उन्होंने अपनी जर्नलिज्म की पढ़ाई इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी, बरेली से की है.
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