Shani strotam path: शनिदेव की बुरी दृष्टि से बचने के लिए नियमित तौर पर करें इस स्त्रोतम का पाठ, अवश्य मिलेगा लाभ
Shani strotam path: हिंदू धर्म में न्याय के देवता के तौर पर शनि देव को माना जाता है. यही कारण है कि शनिवार को शनि देवता की आराधना का दिन माना गया है. शनिवार के दिन मुख्य रूप से शनि देवता के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से उनकी पूजा अर्चना करते हैं.
साथ में शनि देव को खुश करने के लिए अनेक उपाय करते हैं. ऐसे में यदि आप भी शनिदेव की कुदृष्टि से बचना चाहते हैं, तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको शनि स्त्रोतम का पाठ लेकर आए हैं. जिसका शनिवार के दिन पाठ करके आप शनि देव की विशेष कृपा पा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं…
यहां पढ़ें शनि स्त्रोतम का पाठ
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।1
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते। 2
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते। 3
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने। 4
नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च। 5
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते। 6
तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:। 7
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।
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तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्। 8
देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:। 9
प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।10