Shani Vakri 2023: शनि जल्द होने वाले हैं वक्री, ज्योतिष के अनुसार क्या है इसका मतलब?

 
Shani Vakri 2023: शनि जल्द होने वाले हैं वक्री, ज्योतिष के अनुसार क्या है इसका मतलब?

Shani Vakri 2023: शनि वक्री होना एक आध्यात्मिक और ज्योतिषीय मान्यता है जो हिंदू ज्योतिष में प्रचलित है. शनि वक्री का तब होता है जब शनि ग्रह अपने नियमित गतिमान में चलने के बजाय अवक्री हो जाता है, जिसकी वजह से शनि ध्रुवीय ग्रहों की विशेषता प्राप्त करता है. दरअसल वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों का एक महत्वपूर्ण स्थान है और शनि एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है.

शनि को संयम, कर्म, सावधानी और सम्पन्नता का प्रतीक माना जाता है. जब शनि वक्री होते है, तो इसे अशुभ योग माना जाता है और ज्योतिष शास्त्र में इसे कठिनाईयों, प्रतिबंधों और संकट के समय का माना जाता है. शनि के वक्री होने की अवधि लगभग 5 महीने होती है और इस अवधि में शनि (Shani Vakri 2023) के प्रभाव अधिक महसूस होते हैं. लेकिन किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली पर भी निर्भर होता है, तो इसका प्रभाव अलग-अलग व्यक्ति के जीवन पर भिन्न-भिन्न हो सकता है.

WhatsApp Group Join Now

क्या होता है शनि का वक्री होना?

शनि वक्री (Shani Vakri 2023) के दौरान, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए और अपने कर्मों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. कुछ लोग इस समय में कर्म, व्यापार, शिक्षा या पारिवारिक मामलों में संकट और चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.हालांकि, यह सभी व्यक्ति के लिए एक जैसा नहीं होता है तो वहीँ कुछ लोगों को इस दौरान भी सामरिक और प्रार्थनात्मक गतिविधियों में सफलता भी मिलती है.

शनि वक्री (Shani Vakri 2023) के प्रभाव को कम करने के लिए, लोग शनिवार को भगवान शनि की पूजा और अर्चना करते हैं, मंत्र जाप करते हैं, ध्यान प्रारंभ करते हैं और अपने इष्टदेव की कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग अपने कर्मों को संशोधित करने, धार्मिक यात्राएं करने और सेवा-समर्पण करने के लिए इस समय का उपयोग करते हैं.

कब हो रहें हैं शनि वक्री

17 जून 2023 की रात 10 बजकर 48 मिनट पर शनि अपनी वक्री चाल (Shani Vakri 2023) चलनी शुरू करेंगे और 4 नवंबर 2023 को सुबह 8:26 बजे तक वक्री रहकर एक बार फिर से मार्गी हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें:-  शनिवार को यदि आप भी जलाते हैं दीया, तो जरूर करें ये काम

Tags

Share this story