Shiv Ji: राजस्थान के इस जिले में स्थापित की गई भोलेनाथ की सबसे ऊंची प्रतिमा, घर बैठे ही करें दर्शन

 
Shiv Ji: राजस्थान के इस जिले में स्थापित की गई भोलेनाथ की सबसे ऊंची प्रतिमा, घर बैठे ही करें दर्शन

Shiv Ji: हिंदू धर्म में भगवान शिव को सृष्टि के संहारकर्ता के तौर पर पूजा जाता है. भगवान शिव जोकि अपने भक्तों के बीच अपने भोले स्वभाव और मनचाहा वरदान देने के लिए जाने जाते हैं. भगवान शिव जिन्हें स्वर्ग लोक के सभी देवताओं का देव माना जाता है, उनके भक्त उन्हें महादेव कहकर पुकारते हैं.

वैसे तो भारत समेत संपूर्ण विश्व में महादेव की अनेकों विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं, लेकिन हाल ही में राजस्थान राज्य में भगवान शंकर की विशाल प्रतिमा को स्थापित किया गया है. जिसे देखकर हर कोई आश्चर्य प्रकट कर रहा है.

ऐसे में यदि आप भी भोले नाथ के भक्त हैं, तो हमारे आज के इस लेख के जरिए हम आपको भोलेनाथ की इसी प्रतिमा के बारे में सारी जानकारी देने वाले हैं, तो चलिए जानते हैं….

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राजस्थान के इस जिले में निर्मित की गई है शिव जी की सबसे बड़ी प्रतिमा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान शंकर की ये 369 फीट ऊंची प्रतिमा राजस्थान राज्य के राजसमंद जिले के नाथद्वारा इलाके में मौजूद गणेश टेकरी नामक पहाड़ी पर विराजमान है. जिसे दुनिया भर की 5वीं सबसे बड़ी मूर्ति बताया जा रहा है. जिसका नाम विश्वास स्वरूपम् रखा गया है.

आपको बता दें कि भोलेनाथ की इस प्रतिमा को बनाने में 10 वर्ष का समय लगा. भगवान शिव की ये प्रतिमा बनाने वाले कारीगर का नाम नरेश कुमार है, जोकि राजस्थान के पिलानी गांव के रहने वाले हैं. हालांकि इस मूर्ति को तैयार कराने वाली संस्था का नाम संत कृपा सनातन संस्थान है.

जोकि मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां कई सारे आयोजन भी कराएंगे. इतना ही नहीं, संस्था के लोगों की मानें, तो शिव जी की इस अद्भुत मूर्ति के दर्शन के लिए रोजाना 50 से 60 हजार लोगों की भीड़ जमा होगी,

और करीब लाख लोगों के लिए रोजाना प्रसाद की व्यवस्था की जाएगी. इस मूर्ति को राजस्थान के मानेसर में निर्मित किया गया. अब आगे हम इस मूर्ति से जुड़ी अन्य खास बातों के बारे में जानेंगे.

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शिव जी की इस प्रतिमा में क्या है खास

1. राजस्थान के राजसमंद इलाके में भगवान शिव की ये विशाल प्रतिमा एक झील के पास स्थित है, जोकि इस मूर्ति की खूबसूरती में चार चांद लगा रही है.

2. इस मूर्ति के आसपास दो टैंक बनाए गए हैं, जिनमें से एक टैंक का प्रयोग आपातकाल तौर पर किया जाएगा. जबकि दूसरे टैंक से शिव जी के जलाभिषेक के दौरान जल बहेगा.

3. भगवान शिव की ये मूर्ति इतनी विशाल है कि इसे करीब 280 फीट तक देखने जाने के लिए लिफ्ट लगाई गई है.

4. इस मूर्ति की ऊंचाई इतनी है कि आप आसानी से अरावली पर्वत देख सकते हैं.

5. भगवान शिव इस मूर्ति में ध्यान की मुद्रा में बैठे हुए हैं, जिनके ठीक सामने नंदी बैल की मूर्ति बनाई गई है. जोकि करीब 25 फीट ऊंची और 37 फीट चौड़ी निर्मित है.

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6. भगवान शिव की ये मूर्ति के भीतर बड़ा सा हाॅल भी बनवाया गया है, जिसे भक्तों के बैठने के इस्तेमाल में लिया जाएगा. इस हाॅल में एक साथ 10 हजार लोग बैठ सकते हैं.

7. जानकारी के लिए बता दें कि शिव जी की इस प्रतिमा में करीब तीन हजार टन लोहा, स्टील, कंक्रीट, रेत का प्रयोग हुआ है.

8. भगवान शिव की विशाल प्रतिमा के दर्शन आप केवल दिन ही में नहीं बल्कि रात को भी कर सकते हैं, जिसके लिए इसमें लेज़र लाइटें लगाई गई हैं.

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9. इस मूर्ति की खासियत ये है कि इस मूर्ति का लगभग 250 सालों तक कोई बाल भी बांका नहीं कर सकेगा.

10.यहां मूर्ति को देखने आने वाले भक्तों के लिए कई सारे अन्य आकर्षक जगहों और चीजों जैसे बंजी जंपिंग, जिप लाइन,
गेम ज़ोन, एडवेंचर पार्क आदि निर्मित किए जाएंगे. जहां आपको 3 डी में शिव जी की प्रतिमा

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