Shiv or parvati ki kahani: इस वजह से भगवान शिव को निगल गई थी माता पार्वती, और लिया था धूमावती अवतार
Shiv or parvati ki kahani: वैसे तो हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं. लेकिन हमारी आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसी कहानी या ऐसी पौराणिक कथा के बारे में बताने वाले हैं. जिसके बारे में सुनकर आपको भी आश्चर्य अवश्य होगा. हमारे आज के इस लेख में हम आपको माता पार्वती के धूमावती अवतार की बेहद ही रोचक और लोकप्रिय कहानी सुनाने वाले हैं.
इस कहानी के दौरान आपको इस बात का भी पता लगेगा कि कैसे एक बार भगवान शिव को माता पार्वती ने निगल लिया था. इसके बाद कैसे भगवान शिव माता पार्वती के मुख से बाहर आए, और माता पार्वती ने एक विशेष तरह का रूप लिया. तो चलिए जानते हैं…
भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ी एक कहानी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार जब माता पार्वती बेहद भूखी थी, तब उन्होंने भगवान शिव को कहा कि इनको भूख लगी है. लेकिन भगवान शिव ध्यान मग्न होने के कारण माता पार्वती की बात नहीं सुनते हैं. क्योंकि माता पार्वती भगवान शिव से पहले भोजन नहीं ग्रहण कर सकती थी,
ऐसे में भगवान शिव के ध्यान मग्न होने के कारण माता पार्वती अपना धैर्य खो बैठती हैं, और अपनी भोजन की व्यथा के चलते वह अपनी श्वास से भगवान शिव को ही नि निगल जाती हैं. जिसके बाद माता पार्वती के शरीर से धुआं निकलने लगता है, और उनका श्रृंगार उजड़कर वह एक विधवा महिला का रूप धारण कर लेते हैं,
इस वजह से होता है, क्योंकि भगवान शिव के कंठ में मौजूद विष के चलते माता पार्वती का स्वरूप ही बदल जाता है. हालांकि इस दौरान भगवान शिव अपनी योग शक्ति के कारण माता पार्वती के मुख से बाहर निकल आते हैं, ऐसे में माता पार्वती इस दौरान जिस रूप को धारण करती हैं, उसे माता पार्वती का धूमावती अवतार कहा जाता है.
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इस अवतार में माता पार्वती सफेद रंग के वस्त्र और खुले केशों का रूप धारण करती हैं. मान्यता है कि माता पार्वती के इस रूप की जो भी व्यक्ति आराधना करता है, उसे अपने जीवन में मंगल कामना की प्राप्ति होती है. ऋषि दुर्वासा और परशुराम की मूल शक्ति का आधार भी माता पार्वती का अवतार धूमावती है. जिस कारण माता पार्वती के इस अवतार को बेहद लोकप्रिय माना गया है.