Shiv Shakti: भगवान शिव से जुड़े हैं देवी माता के 10 महारूप, जानें कैसे?
Shiv Shakti: हिंदू धर्म में देवताओं के अलावा देवी माता के अनेक रूप पूजे जाते हैं. देवी माता के पर्व के तौर पर साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है. इस दौरान माता रानी के समस्त रूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. माता रानी के 10 रूपों को 10 महाविद्याएं कहा जाता है, जिनका संबंध देवों के देव महादेव से है. यही कारण है कि भगवान शिव और माता सती के अर्धनारीश्वर रूप को शिव-शक्ति के तौर पर व्याखित किया गया है.
ऐसा माना जाता है कि बिना शक्ति के शिव भी अधूरे हैं. माता रानी की इन 10 महाविद्याओं में संपूर्ण ब्रह्मांड की शक्तियां मौजूद है. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे भगवान शिव से माता के 10 रूप जुड़े हुए हैं. तो चलिए जानते हैं…
भगवान शिव और माता के 10 रूपों का संबंध (Shiv Shakti)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार जब माता पार्वती के पिता दक्ष प्रजापति ने महादेव और माता सती (Shiv Shakti) को यज्ञ के लिए आमंत्रण नहीं दिया. तब माता सती ने महादेव से वहां जाने के लिए जिद की, जब भगवान शिव ने उनके पिता के घर बिना आमंत्रण के जाने से मना कर दिया, तब माता सती ने एक भयंकर रूप धारण कर लिया.
जिसे देख भगवान शिव माता सती से भयभीत होकर इधर-उधर जाने लगे. जिस पर माता सती (Shiv Shakti) जब अपने पति भगवान शिव को भागता देख उन्हें रोकने का प्रयास करने लगी, तब उन्होंने दसों दिशाओं में 10 रूप लिए और प्रत्येक दिशा में भगवान शिव को रोकने के लिए 10 महाविद्याओं के रूप में अवतरित हुईं.
हालांकि इसके बावजूद जब वह अपने पिता दक्ष प्रजापति के यहां महादेव के बिना यज्ञ में पहुंची. उनके पिता ने महादेव का काफी अपमान किया, जिससे नाराज होकर माता सती (Shiv Shakti) ने यज्ञ में अपने प्राण त्याग दिए. इस प्रकार माता सती की 10 महाविद्याएं आज 10 दिशाओं में मौजूद होकर संपूर्ण भारतवर्ष पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए हुए हैं.
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