Vishnu sudarshan chakra: क्यों बेहद चमत्कारी माना जाता है भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र? जानें खासियत
Vishnu sudarshan chakra: विष्णु जी हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं और त्रिमूर्ति में से एक रूप हैं, तो अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को भी सम्पूर्णता में सम्मिलित किया जाता है. विष्णु जी को संसार के सृजनहारक, पालक और संहारक भी माना जाता हैं.
उनके अनेक अवतार, जैसे राम, कृष्ण, वामन, परशुराम, नरसिंह, बुद्ध, इत्यादि, अलग-अलग युगों में मानवता की सहायता करने के लिए प्रकट हुए हैं. विष्णु जी के धारण किए गए आयुध, जैसे शंख, चक्र (Vishnu sudarshan chakra), गदा और पद्म, उनकी पहचान हैं.
विष्णु और सुदर्शन चक्र (Vishnu sudarshan chakra) का संबंध
सुदर्शन चक्र विष्णु जी के मुख्य आयुध में से एक हैं. यह एक परम शक्तिशाली चक्र होता है जो विष्णु जी के द्वारा सम्पूर्णता और न्याय के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है. सुदर्शन चक्र को अच्छी तरह से सजाया और शक्तिशाली बनाने के लिए विष्णु जी के द्वारा कुछ गुण प्रदान हैं.
जैसे कि वह अस्त्रों का ज्ञाता हैं, उसे चाहे तो किसी को अन्त कर सकता हैं, यह चक्र सुन्दर, प्रभावशाली, तेजस्वी और अद्वितीय धार्मिक चिह्न के रूप में प्रस्तुत होता हैं.
विष्णु जी के सुदर्शन चक्र (Vishnu sudarshan chakra) को उनके आयुध के रूप में प्रयोग किया जाता हैं ताकि वे धर्म की सुरक्षा कर सकें, अन्य देवताओं के शक्तियों का प्रतिष्ठान कर सकें और दुष्टों का नाश कर सके. सुदर्शन चक्र का प्रयोग विष्णु जी के अवतारों में भी देखा जाता हैं, उन्होंने इसे अपने शत्रुओं पर प्रयोग किया है.
इस तरह विष्णु जी और सुदर्शन चक्र का संबंध विष्णु जी के आयुध के रूप में होता हैं, जो उनकी शक्ति, न्याय और धर्म के प्रतीक माना जाता है.
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