Lohri 2023: लोहड़ी का त्योहार हिंदू धर्म में बेहद उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. लोहड़ी के पर्व में किसान और मुख्य तौर पर पंजाबी लोग लोकगीत गाकर झूमते नाचते हैं.
इस दिन अग्नि के चारों ओर परिक्रमा करते हुए अग्नि देवता को प्रसन्न किया जाता है, और उनको तिल और रेवड़ी अर्पित की जाती है. लोहड़ी का त्योहार संपूर्ण भारतवर्ष में बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है,
जो कि मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं की लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले क्यों मनाया जाता है,
यदि नहीं तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं…

क्यों मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाते हैं लोहड़ी का पर्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में जब गोकुल के लोग मकर संक्रांति के आने की खुशी में तैयारियां कर रहे थे, उस दौरान कंस ने भगवान श्री कृष्ण को मारने के लिए लोहिता नाम की एक राक्षसनी को भेजा था,
कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने उस राक्षसनी का वध कर दिया था, जिसके बाद से ही लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है.
अन्य धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति से एक दिन पहले माता सती ने प्रजापति दक्ष के व्यवहार से रुष्ट होकर स्वयं को अग्नि में समर्पित कर दिया था, तभी से मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है.
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इस प्रकार लोहड़ी का पर्व ना केवल पंजाबियों बल्कि हिंदुओं के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, इस दिन सूर्य देव के साथ अग्नि देव को प्रसन्न करने के लिए अनेक तरह के उपाय किए जाते हैं, ताकि अग्निदेव आपके जीवन में सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखें.