Lord brahma: सृष्टि के रचयिता को क्यों नहीं जाता है पूजा? ये है प्रमुख कारण
Lord brahma: जैसा की सर्वविदित है कि हिंदू धर्म में त्रिदेवों को प्रमुख देवताओं का दर्जा दिया गया है. जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश प्रमुख है. जहां भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनहार और भगवान शंकर को सृष्टि का संहार कर्ता कहा गया है, तो वहीं ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचयिता माना जाता है,
लेकिन हिंदू धर्म में ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती और ना ही किसी विशेष धार्मिक अवसर पर उन्हें पूजने का प्रचलन है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में ब्रह्मा जी को क्यों नहीं पूजा जाता?
इतना ही नहीं क्यों संपूर्ण भारत में ब्रह्मा जी का केवल एक ही मंदिर मौजूद है जो कि पुष्कर राजस्थान में स्थित है, यदि आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे लेख को अंत तक अवश्य पढ़े हैं, तो चलिए जानते हैं…
क्यों नहीं की जाती ब्रह्मा जी की आराधना?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समय में जब ब्रह्मा जी अपने हंस वाहन पर सवार होकर और अपने हाथ में कमल का पुष्प लिए यज्ञ के लिए स्थान खोज रहे थे, तब एक जगह उनके हाथ से धोखे से कमल का फूल जमीन पर गिर गया.
ऐसे में जिस स्थान पर वह फूल गिरा उससे एक झरना बन गया, जोकि बाद में 3 सरोवर में बदल गया. कहा जाता है जिन तीन जगहों पर झरना बना था, उसे ब्रह्म पुष्कर, विष्णु पुष्कर और शिव पुष्कर के नाम से जाना जाता है.
ऐसे में ब्रह्मा जी ने इसी स्थान पर यज्ञ करने की सोच ली. लेकिन यज्ञ का समय हाथ से निकला जा रहा था, जिस कारण भगवान ब्रह्मा ने अपनी पत्नी सावित्री की जगह किसी एक सुंदर स्त्री को वहां बैठा कर यज्ञ की विधि संपन्न कर ली.
ऐसे में जब ब्रह्मा जी की पत्नी देवी सावित्री को इसके बारे में पता लगा, तब उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दे दिया कि ब्रह्म पुष्कर के अलावा ब्रह्मा जी की कहीं भी पूजा-अर्चना नहीं की जाएगी,
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यही कारण है कि आज भगवान ब्रह्मा की पुष्कर के अलावा कहीं भी पूजा-अर्चना नहीं की जाती और ना ही कहीं उनका तीर्थ स्थान मौजूद है.