एक नज़र पूर्व कप्तान Dhoni के उन 5 फैसलों पर जिन्होंने भारतीय टीम को दी नयी राह
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने तीनों ICC ट्रॉफी पर अपना कब्ज़ा जमाया था और साथ ही उनकी कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स भी 3 बार आईपीएल का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं.
तो चलिए आज हम आपको भारत के सबसे सफल कप्तान के उन 5 फैसलों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने भारत टीम को नई राह दिलाई हैं.
टी-20 वर्ल्ड कप में भज्जी की जगह जोगिंदर को बॉल थमाना
2007 में पहली बार हुए आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का एक ओवर बचा हुआ था,
लेकिन धोनी ने जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर सौंप दिया क्योंकि हरभजन के 17वें ओवर में पाकिस्तान के मिसबाह तीन छक्के लगा चुके थे.
जोगिंदर ने ओवर की शुरुआत वाइड से की लेकिन बाद में मिसबाह ने एक पैडल शॉट लगाया और बॉल पहुँची श्रीसंत के हाथों में.
और इसी के साथ भारत ने जोहानिसबर्ग में पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच डाला.
दिग्गजों को किया टीम से बाहर
2008 में ऑस्ट्रेलिया में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका के साथ ट्राई सीरीज में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे सीनियर खिलाड़ियों को ड्रॉप कर दिया था.
गांगुली और द्रविड़ की जोड़ी 50 ओवर के खेल में तकरीबन 23,000 रन बना चुकी थी.
वजह पूछने पर धोनी ने बेहतर फील्डिंग का हवाला देते हुए दिग्गजों की जगह युवाओं मौका देना अच्छा बताया था.
और अंत में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार ट्राई सीरीज जीतकर इतिहास रचा था.
2011 वर्ल्डकप में खुद उतरे 5वें नम्बर पर
2011 के फाइनल में वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के आउट होने के बाद टीम को जीत के लिए 161 रनों की और जरूरत थी.
और यहां सबको उम्मीद थी कि फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह बल्लेबाजी के लिए भेजे जाएंगे, लेकिन तभी धोनी पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आ गए और यहाँ धोनी ने नाबाद 91 रन बनाकर टीम को दूसरा वर्ल्ड कप जितवाया था.
दिग्गजों को किया रोटेट
साल 2008 से ही धोनी ने अपनी कप्तानी में वीरेंद्र सहवाग ,सचिन तेंदुलकर और गौतम गम्भीर जैसे नामी बड़े खिलाड़ियो को रोटेट करना शुरू कर दिया था.
हालाँकि इस रोटेशन की वजह से धोनी को काफी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी थीं. लेकिन बाबजूद इसके टीम निरन्तर शानदार प्रदर्शन करने में सफल रही.
रोहित शर्मा को बनाया सलामी बल्लेबाज़
2007 टी-20 वर्ल्डकप में टीम का हिस्सा बनने वाले रोहित शर्मा अपनी छाप छोड़ने में नाकाम साबित हो रहे थे लेकिन इन सबके वाबजूद धोनी ने 2011 में रोहित शर्मा को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर ओपन करने का अवसर दिया,
लेकिन यहाँ रोहित ने तीन पारियों में केवल 29 रन बनाए और 2013 में मोहाली में रोहित को एक बार फिर पारी की शुरुआत करने का अवसर दिया गया और यहाँ उन्होंने 83 रन की विस्फोटक पारी खेली.
और आज के समय में सलामी बल्लेबाज रहते हुए रोहित शर्मा अनगिनत रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं.
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