क्रिकेट लीग, जिसमें हिंदू-मुसलमान कोटा अलग-अलग हैं
भारत के मैंगलुरु से 60 किलोमीटर दूर उडुपी के हेजमादी गांव में क्रिकेट टूर्नामेंट में खिलाड़ियों का अलग-अलग कोटा होता है।
यूं तो क्रिकेट को धर्म जाति और संप्रदाय से ऊपर रखा जाता है। लेकिन हेजमादी प्रीमियर लीग (एचपीएल) टूर्नामेंट में सभी धार्मिक समुदायों के लिए एक अजीब कोटा निर्धारित किया गया।
मसला यह था कि लंबे समय से हिंदू मुस्लिम समुदायों के ख़िलाड़ी अलग अलग खेला करते थे क्योंकि इस इलाक़े में दोनों समुदायों के बीच रिश्ता बहुत नाजुक रहा है।
इस दूरी को मिटाने के लिए 2017 में सैयद हुसैन ने इस तरह के आयोजन की शुरुआत की जहां एक टीम में 7 मुस्लिम हो तो 4 हिंदुओं का होना जरूरी है और अगर चार हिंदू हो तो साथ मुस्लिम का।
शुरुआत में, गांव के लोगों में हिचक थी। शुरुआत में परेशानी भी झेलनी पड़ी। आखिरकार, सबको लगा कि साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए यह कोशिश, सबके हित में है।
और ये भी तय हुआ कि टीमों का नाम किसी भी धार्मिक चिह्नों पर नहीं बल्कि इलाक़ों के नामों पर रखा जाएगा।
और इस तरह दो दिवसीय टूर्नामेंट का आग़ाज़ हुआ। ट्रॉफ़ी का नाम बदल कर रख दिया गया 'सौहार्द ट्रॉफ़ी।