पहला टेस्ट चैंपियनशिप गदा हासिल करने वाली न्यूज़ीलैंड टीम की ये 6 बाते बनाती है उसे खास, आप भी जानिए

 
पहला टेस्ट चैंपियनशिप गदा हासिल करने वाली न्यूज़ीलैंड टीम की ये 6 बाते बनाती है उसे खास, आप भी जानिए

न्यूजीलैंड (New Zealand) टेस्ट क्रिकेट का पहला विश्व चैंपियन बन गया है. साउथैंप्टन (Southampton) में 18 जुलाई से शुरू हुए आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (ICC World Test Championship Final) के रिजर्व दिन पर न्यूजीलैंड ने भारत को आखिरी सेशन में 8 विकेट से हरा दिया.

और इसी जीत के साथ न्यूज़ीलैंड का नाम इतिहास के पन्नो में स्वर्ण अक्षरों में भी लिख गया है क्योंकि इस तरह की जीत पाना कोई आसान बात नही है.

शांत स्वभाव से कप्तान केन जीतते है सबका दिल

भारत की ओर से न्यूजीलैंड के सामने सिर्फ 139 रनों का मामूली लक्ष्य था, लेकिन भारत ने अच्छी शुरुआत की और अश्विन ने दोनों ओपनरों को जल्दी आउट कर भारत के लिए कुछ उम्मीद जताई.

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भारतीय गेंदबाजों ने कुछ अच्छे ओवर करवाकर दबाव भी बनाया, लेकिन कप्तान विलियमसन (52) और रॉस टेलर (47) ने एक यादगार साझेदारी कर टीम को शानदार और ऐतिहासिक जीत दिलाकर विश्व चैंपियन बनाया. दोनों ने नाबाद 96 रन जोड़े थे.

संघर्ष से बने साहसी

न्यूजीलैंड टीम को 2015 और 2019 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में हार मिली. 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने जबकि 2019 में इंग्लैंड ने हराया.

इंग्लैंड से टीम मैच टाई होने के बाद हारी. बाउंड्री काउंट नियम से इंग्लैंड चैंपियन बना. दो बड़ी हार के बाद भी खिलाड़ी टूटे नहीं.

अनुभवियों ने बुना पूरा ताना-वाना

न्यूजीलैंड की टीम सिर्फ युवा खिलाड़ियों के दम पर यहां तक नहीं पहुंची है. डेब्यू टेस्ट में लॉर्ड्स पर दोहरा शतक लगाने वाले डेवॉन कॉनवे 29 साल के हैं.

लिमिटेड ओवर में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उन्हें टेस्ट में मौका दिया गया. उन्होंने पहली पारी में न्यूजीलैंड की तरफ से सबसे ज्यादा 54 रन बनाए.

मैदान पर रहते है शांत

न्यूजीलैंड के खिलाड़ियो को मैदान पर आक्रामकता दिखाते कम ही देखा जाता है. वे विरोधी खिलाड़ी को उकसाते भी नहीं हैं. ऐसे में उनकी एकाग्रता खत्म नहीं होती.

दूसरी ओर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली मैदान पर आक्रामकता के लिए जाने जाते हैं.

बेहतर रणनीति अपनाते है खिलाड़ी

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली. इससे उसे इंग्लैंड की पिच और ड्यूक बॉल से तैयारी का समय मिल गया.

दूसरी ओर टीम इंडिया टी20 खेलकर फाइनल में उतरी. फाइनल से पहले सिर्फ इंट्रा स्क्वॉयड के मैच खेले

विदेशी लीग से बनते है मज़बूत

न्यूजीलैंड के खिलाड़ी दुनिया की अन्य लीग में खेलते हैं. इस कारण उन्हें वहां की परिस्थितयों को समझने में अधिक कठिनाई नहीं होती है.

इसका फायदा उन्हें फाइनल में भी मिला. भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं है.

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