Tokyo Olympics: क्या इसबार दूसरे दौर की बाधा पार कर पाएंगी भारतीय जोड़ी, महिला युगल में सानिया-अंकिता से सर्वश्रेष्ठ की आस
Tokyo Olympics: ओलंपिक खेलों के इतिहास में भारतीय टेनिस दल 25 सालों से मेडल का इंतजार कर रही है. 1996 के एटलांटा ओलंपिक खेलों में पूर्व दिग्गज लिएंडर पेस ने आखिरी बार कांस्य पदक जीता था. उसके बाद से ही भारतीय दल मेडल के लिए संघर्ष करते रही है. हर चार साल पर ओलंपिक खेलों में भारतीय डबल्स टेनिस खिलाड़ी पदक जीतने के दावेदार बनकर गए, लेकिन इस बार टोक्यो ओलंपिक में इतिहास बदला जा सकता है.
हालाँकि टोक्यो ओलंपिक के लिए पुरुष डबल्स में रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की जोड़ी के क्वालीफाई न करने से बड़ा झटका लगा है. लेकिन, स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा इसबार भारतीय चुनौती पेश करेंगी. सानिया को अपनी पुरानी सुरक्षित नौवीं विश्व रैंकिंग के चलते ओलंपिक में खेलने का मौका मिल गया. उनकी भारतीय जोड़ीदार अंकिता रैना (191वीं रैंक) के साथ वह खेलने उतरेंगी.
महिला डबल्स में साधारण रहा है प्रदर्शन
हालाँकि, ओलंपिक में महिला डबल्स में भारतीय टेनिस का इतिहास सुनहरा नहीं रहा है. 2008 में हुए बीजिंग ओलंपिक ही भारतीय टीम का सबसे बढिया घटा. उसमें भी सानिया और सुनीता राव की जोड़ी दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाई थी. लंदन ओलंपिक में रश्मि चक्रवर्ती और रियो ओलंपिक में प्रार्थना के साथ सानिया पहले दौर में ही हारकर बाहर हो गई थी.
मां बनने के बाद पहला ओलंपिक खेलेंगी सानिया
बता दें कि यह सानिया मिर्ज़ा का चौथा और माँ बनने के बाद पहला ओलंपिक होगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि इसबार वह अपनी जोड़ीदार अंकिता के साथ कितने दूर का सफ़र तय करती हैं. इससे पहले रियो में रोहन बोपन्ना और सानिया मिर्ज़ा की जोड़ी ने कांस्य पदक के लिए मुकाबला खेला था, लेकिन वहां भी पदक से चूक गई. यह ओलंपिक उनके लिए बेहद खास है. मां बनने के बाद वह पहली बार ओलंपिक में उतरने जा रही हैं.
शुरूआती मुकाबले में मिल सकते हैं कड़े प्रतिद्वंदी
रैंकिंग में पिछड़ने की वजह से सानिया और अंकिता की भारतीय जोड़ी के लिए शुरूआती मुकाबले कठिन हो सकते हैं. उन्हें पहले दौर में ही कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना पड़ सकता है. लंबे समय से टेनिस कोर्ट से दूर रही सानिया भी बीते विंबलडन ओपन में खेलने उतरी थी.
अंकिता के साथ सानिया ने बिठाया है तालमेल
कभी विश्व नंबर 1 रही सानिया की वर्तमान डबल्स रैंकिंग 135 है. अपने से जूनियर अंकिता के साथ तालमेल बिठाने के लिए सानिया ने उन्हें अपने ही घर पर रखा. इस दौरान उन्होंने ओलंपिक में खेलने का अनुभव साझा किया. बतौर सानिया टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहेंगी.