World Cup T-20: पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी वकार यूनुस ने कहा हमने हिंदुओं के सामने नमाज़ पढ़ी, ट्विटर पर लोगों ने खदेड़ा
भारत बनाम पाकिस्तान मैच के बाद कोंट्रोवरसी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार यूनुस ने एक टीवी शो में कहा की मै पाकिस्तान के मैच जीतने पर बहुत खुश हूँ और सबसे अच्छी बात कि रिज़वान ने मैच में नमाज़ पढ़ी और “हिंदुओं” के बीच नमाज़ पढ़ी। यह मेरे लिए निजी तौर पर बहुत अच्छा था। इसके बाद लगातार विरोध शुरू हो गया। भारत की तरफ से हर्षा भोगले ने इसका विरोध किया।
दरअसल भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर पाकिस्तान के ARY news टीवी चैनल पर स्पोर्टस प्रोग्राम का आयोजन था। जिसने गेस्ट के तौर पर पूर्व पाकिस्तानी कप्तान वकार यूनुस और पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख़्तर मौजूद थे। तब पाक के इस पूर्व कप्तान ने एक ऐसी बात बोलदी जिससे उनके अंदर का जिहादी साफ झलक गया। ताज़ुब की बात यह थी कि वहा मौजूद ऐंकर भी ठहाके लगा कर हँस रहा था।
वहा मौजूद शोएब अख़्तर जो के पहले ही हरभजन से बातचीत के दौरान कह चुके है कि वो टू-नेशन थियोरी को मानते है। वो भी मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। अब आप यही से अंदाजा लगा सकते है कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत में जितना प्यार मिला उसके बदले उन्होंने आपको नफ़रत दी। बहरहाल ट्विटर पर कई लोगों ने वकार की क्लास लगा दी जिसके बाद मामला बढ़ता चला गया।
भारत के मशहूर कॉमेंटेटर हर्षा भोगले भी वकार यूनिस के इस बयान से बहुत निराश नजर आए। उन्होंने लिखा, 'वकार युनिस के कद का इंसान इस तरह की टिप्पणी करना कि रिजवान को हिंदुओं के सामने नमाज पढ़ते देखना उसके लिए बहुत खास था, मेरे लिए जिंदगी की सबसे निराशाजनक बातों में से एक है। हममें से काफी लोग इन बातों पर तवज्जो नहीं देते और खेल की बातें करते हैं और इस की बातें सुनना बहुत परेशान करने वाला है।'
भोगले ने आगे कहा, 'मुझे सही मायनों में उम्मीद है कि पाकिस्तान में खेल को सही मायनों में प्यार करने वाले लोग होंगे और वे इस बयान के खतरे को महसूस कर रहे हों। वे भी मेरी इस निराशा में शामिल होंगे। मेरे जैसे खेल प्रेमियों के लिए यह लोगों को यह बताना और समझाना बहुत मुश्किल होगा कि यह सिर्फ एक खेल है, एक क्रिकेट मैच है।'
वरिष्ठ कॉमेंटेटर ने आगे कहा, 'आप सोचते हैं कि क्रिकेटर खेल के राजदूत हैं। वे थोड़ा अधिक जिम्मेदारी से बात करेंगे। मुझे यकीन है वकार जल्द ही इस बयान के लिए माफी मांगेंगे। हमें क्रिकेट की दुनिया को एकजुट करना है न कि उसे धर्म के आधार पर बांटना है।'ट्विटर पर ज्ञानेश्वर लिखते है कि - स्कूल से पढ़ें होते तो इस तरह की बाते नहीं करते, मदरसा छाप ने अपनी पहचान आख़िर बता ही दी। जितेंद्र कुमार ने लिखा- पाकिस्तान खेल को खेल भावना से नही खेलता और वकार यूनुस का मानसिक दिवालियापन हो गया है।
यह भी देखे: