उत्तर कोरिया में पॉप म्यूज़िक सुनने पर होगी 15 साल की कैद, किम जोंग का तुगलकी फ़रमान

 
उत्तर कोरिया में पॉप म्यूज़िक सुनने पर होगी 15 साल की कैद, किम जोंग का तुगलकी फ़रमान

अपने तुगलकी फरमानों के लिए दुनिया में मशहूर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने नया और अजीबोगरीब फैसला सुनाया है. एक तरफ जहां पूरी दुनिया की सरकारें कोरोना वायरस से जंग जीतने की कोशिश कर रही हैं. वहीं किम जोंग-उन को जनता के स्वास्थ्य की नहीं बल्कि अपनी सत्ता की फिक्र लगी है.

एक तरफ वो बाहरी खतरों के बहाने देकर जंगी मिसाइलों की खेप बढ़ाकर वो अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हैं तो दूसरी तरफ देश की संस्कृति बचाने के नाम पर उन्होंने विदेशी गानों, फिल्मों और बोली के खिलाफ जंग छेड़ दी है.

'के-पॉप' सुनने पर 15 साल की कैद

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने के-पॉप के दीवानों को खुलेआम धमकी दी है. उन्होंने कहा कि यह एक कैंसर की तरह है. उत्तर कोरिया में अगर कोई इसे सुनते हुए पकड़ा गया या साउथ कोरिया के ड्रामा को देखा तो उसे लेबर कैंप में 15 साल की कैद होगी. जो कि पहले यह अधिकतम सजा केवल 5 साल की थी.

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साथ ही किम जोंग-उन ने अपने फरमान में कहा कि दक्षिण कोरिया का संगीत, टीवी सीरियल्स और फिल्में हमारे देश के युवओं की पोशाक, हेयर स्टाइल, भाषा और व्यवहार को भ्रष्ट कर रहीं हैं. इतना ही नहीं, दक्षिणी कोरिया से जुड़ी मनोरंजन सामग्री की पेन ड्राइव्स की तस्करी में शामिल लोगों को पकड़े जाने पर मौत की सजा देने का प्रावधान है.

बतादें दक्षिण कोरिया के कोरियन पॉप को आम बोलचाल की भाषा में के-पॉप के नाम से जाना जाता है. मुख्य रूप से वेस्टर्न म्यूजिक पर बेस्ड के-पॉप में अब कई सारे डांस मूव्स और म्यूजिक स्टाइल आ मिले हैं. इस कारण दक्षिण कोरिया के इस पॉप म्यूजिक के पूरी दुनिया में दीवाने मिलेंगे.

मनोरंजन सामग्री आखिर कैसे पहुंचती है उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया में मनोरंजन के साधन बेहद सीमित हैं. उत्तर कोरिया में लोगों को क्या देखना और क्या सुनना है, इसका फैसला भी तानाशाह ही लेता है. उत्तर कोरिया में मीडिया और इंटरनेट की सेंसरशिप ने लोगों को मनोरंजन के लिए दक्षिण कोरिया से तस्करी करने के लिए प्रेरित किया है. यही कारण है कि पिछले कई दशकों से दक्षिण कोरिया से वीसीआर, सीडी, डीवीडी जैसे स्टोरेज डिवाइस के जरिये संगीत, फिल्मों और टीवी सीरियल्स की सीमा पार तस्करी की जाती है.

साउथ कोरियन कॉन्टेंट के खिलाफ अभियान

नॉर्थ कोरियन पर किम जोंग-उन का कहर यहीं खत्म नहीं होता. तानाशाह ने अपने अधिकारियों को फरमान दिया है कि साउथ कोरियन कॉन्टेंट की तलाशी के लिए कंप्यूटर और म्यूजिक प्लेयर्स से लेकर नोटबुक और टेक्स मैसेजेज तक खंगाले जाएं. किम प्रशासन ने ऐसे लोगों के बारे में खबर देने पर ईनाम भी तय किया है. जो परिवार साउथ कोरियाई अंदाज में बात करते पकड़े जाते हैं उन्हें शहर से बाहर कर दिया जाता है.

लड़कों को लंबे बाल रखने की मनाही है. लड़कियां छोटी स्कर्ट या तंग ट्राउजर्स नहीं पहन सकतीं. बालों में सिर्फ ब्लैक डाई ही लगाने की इजाजत है. किम जोंग-उन को लगता है कि कड़े कानून के सहारे साउथ कोरियन कल्चर का खात्मा कर वो उत्तरी कोरिया पर अपनी तानाशाही सालों तक जारी रख सकते हैं.

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