King Charles III की ताजपोशी से पहले उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं ये देश,यहां पढ़ें पूरी खबर
New King of Britain: सेंट जेम्स पैलेस में प्रिवी कॉउन्सिल की बैठक में King Charles III को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन का नया सम्राट घोषित किया गया। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद बाद चार्ल्स III ब्रिटेन के नए राजा बने। लेकिन किंग बनते ही उनके सामने कई चुनौतियां हैं जिनसे निपटना उनके लिए आसान नहीं होगा। दरअसल, तीन देश काफी समय से ब्रिटिश राजशाही से मुक्ति पाने की तैयारी में थे, लेकिन अब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद वहां अलग होने की मांग और जोर पकड़ रहा है। अब देखना ये है कि किंग चार्ल्स III इस चुनौती से कैसे निपटेंगे?जो देश राजशाही से अलग होना चाहते हैं उनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
King Charles III को करना होगा ताजपोशी के लिए इंतजार
बेशक चार्ल्स अभी राजा बन गए हों लेकिन उन्हें आधिकारिक रूप से कोरोनेशन यानी ताजपोशी के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, ताजपोशी सरकार का कार्यक्रम होता है और इसका खर्च भी सरकार को ही करना होता है। ऐसे में इसका आयोजन राजा पर निर्भर न होकर सरकार पर निर्भर हो जाता है। यही वजह है कि इसमें देरी होती है। बतो दें कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय को भी इसके लिए करीब 16 महीने का इंतजार करना पड़ा था। वह फरवरी 1952 में पिता के निधन के बाद महारानी तो बन गईं थीं, लेकिन उनकी ताजपोशी जून 1953 में हुई थी।
किंग चार्ल्स के लिए ये देश हैं बड़ी चुनौती
जो देश राजशाही से अलग होना चाहते हैं उनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं।तीनों ही देशों में वर्ष 2025 में जनमत संग्रह होने वाला है। इसमें यहां के लोग इस बात पर वोट करेंगे कि उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहना है या नहीं। माना जा रहा है कि तीनों ही देश राजशाही से बाहर आना चाहते हैं।
- कनाडा: कनाडा की अगर बात करें तो 3.81 करोड़ की आबादी वाले इस देश में 34% लोग ही चार्ल्स को किंग के रूप में पसंद करते हैं। एंग्स सर्वे में 66 प्रतिशत लोगों ने जनमत संग्रह की बात कही। फ्रेंच भाषी क्यूबेक में 71% लोग अब ब्रिटेन के राजशाही से अलग होना चाहते हैं।
- ऑस्ट्रेलिया: ऑस्ट्रेलिया में 1999 में हुए जनमत संग्रह में 54% लोगों ने ब्रिटिश सामाज्य में रहने की इच्छा जताई थी, लेकिन धीरे-धीरे अब लोगों का माइंडसेट बदल रहा है। यही वजह है कि अब मौजूदा पीएम अल्बानीज ने ब्रिटिश सामाज्य छोड़ने के लिए रिपब्लिक मिनिस्टर की भी नियुक्ति की है। ऑस्ट्रेलिया में अब 2025 में जनमत संग्रह होना है।
- न्यूजीलैंड: न्यूजीलैंड भी अब ब्रिटिश साम्राज्य से बाहर आना चाहता है। यहां की आबादी करीब 51 लाख है।यहां हुए एक सर्वे से पता चलता है कि 42 फीसदी लोग ब्रिटिश साम्राज्य से अलग होना चाहते हैं।