Budhwar vrat: आज के दिन इन देवताओं की उपासना से बनेगा काम, जानिए पूजा विधि, कथा और विशेष मंत्र…

 
Budhwar vrat: आज के दिन इन देवताओं की उपासना से बनेगा काम, जानिए पूजा विधि, कथा और विशेष मंत्र…

Budhwar vrat: किसी भी धार्मिक अवसर से पहले गणेश जी की उपासना की जाती है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति गणेश जी की सच्चे मन से आराधना करता है, भगवान गणेश उसे बल, बुद्धि और ज्ञान से लाभान्वित करते हैं.

गणेश जी को रिद्धि सिद्धि दाता कहा गया है, ऐसे में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणेश उपासना आवश्यक है. आज के दिन गणेश जी के अतिरिक्त बुध ग्रह की भी उपासना की जाती है.

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बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति सट्टेबाजी और जुआं इत्यादि खेलने लगता है और उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है. इतना ही नहीं, अगर आपकी कुंडली में बुध सही जगह पर नहीं है, तो आपके करियर और व्यवसाय में भी अनेक बाधाएं आती है.

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इसलिए बुधवार के दिन गणेश जी के साथ साथ बुध देव को प्रसन्न करने के लिए भी व्रत धारण करना चाहिए. जिसके विधि, बुधवार की कथा और विशेष मंत्र के बारे में नीचे जानकारी दी जा रही है.

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बुधवार के व्रत की विधि

  1. आज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर मंदिर की साफ सफाई कर लें. उसके बाद आज के दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करें.
  2. उसके बाद भगवान बुध और गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें. ध्यान रखें, गणेश जी की प्रतिमा पूर्व दिशा में हो, इससे लाभ होता है.
  3. पूजा की थाली में बेलपत्र, अक्षत, रोली, धूप, घी का दीया, दूर्वा, कपूर, चंदन, गुड़ और लड्डू का भोग रखें.
  4. बुधवार के दिन गणेश चालीसा, गणेश स्तोत्र का पाठ करें. साथ ही 108 बार ॐ ग गणपतये नम: का जाप करें.
  5. आज के दिन बुधवार की कथा और आरती विशेष रूप से पढ़ें. पूजा के बाद गाय को हरा चारा, ब्राह्मणों को भोजन और अन्य लोगों को गुड़, चावल और दही का भोग लगाएं.

बता दें कि बुधवार के दिन की शुरुआत लोग शुक्ल पक्ष से करना शुभ मानते है, तब से 7 बुधवार तक व्रत का पालन किया जाना चाहिए.

बुधवार का मंत्र

ॐ गणेशाय नमः।।
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाये नम:।।

बुधवार के दिन क्या करें और क्या नहीं?

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आज के दिन घर का निर्माण, शेयर, दलाली करना शुभ रहता है.
आज के दिन हरे रंग की चीजों का दान करने से लाभ होता है.
आज के दिन व्रती को भोजन में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
बुधवार के दिन किसी लड़की की माता को बाल नहीं धोने चाहिए, ऐसा करने से उसके जीवन में कष्ट आता है.
बुधवार के दिन पश्चिम, ईशान और उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए.
आज के दिन किसी से भी धन का लेन देन करने से बचना चाहिए.
बुधवार के दिन किसी कन्या का अपमान करने से बचें.
आज के दिन धोखे से भी दूध नहीं जलाना चाहिए. या दूध को फाड़कर कुछ नहीं बनाना चाहिए, ऐसा करने से आपकी तरक्की रुकती है.
आज के दिन पुरुषों को अपनी ससुराल जाने की मनादि है. यहां तक कि बुधवार के दिन अपनी पत्नी को घर भी वापिस नहीं बुलाना चाहिए.

बुधवार के व्रत की कथा

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समतापुर जिले में मधुसूदन नामक का एक व्यक्ति रहता था, जिसका विवाह बलरामपुर की संगीता के साथ हुआ था. एक बार की बात है कि जब उसकी पत्नी मायके गई हुई थी. तब वह बुधवार के दिन अपनी पत्नी को लेने उसके मायके पहुंच गया.

लेकिन लड़की के घर वालों ने ये कहकर लौटा दिया कि आज बुधवार का दिन है, तो वह अपनी बेटी की विदा नहीं करेंगे. ऐसे में उसका पति जबरदस्ती अपनी पत्नी को उसके मायके से वापिस ले आया. रास्ते में जब उसकी पत्नी को प्यास लगी, तो वह उसके लिए पानी लेने गया.

जब वह लौटा तो उसकी पत्नी के समीप एक व्यक्ति बैठा था, जब उसके पति ने पूछा, तुम कौन हो? तब उस व्यक्ति ने बताया कि ये मेरी पत्नी है. जिस पर मधुसूदन काफी परेशान हो गया और जब उसने अपनी बीवी से पूछा कि तुम बताओ तुम्हारा पति कौन है? तब उसकी पत्नी संगीता कोई उत्तर नहीं दे पाई.

तब उसने गणपति जी को स्मरण किया. तब गणेश जी ने उसे कहा कि तुम बुधवार के दिन जिद करके अपने पत्नी को उसके मायके से विदा कराकर ले आए थे, इस कारण तुम्हारे साथ ऐसा हुआ. इसके बाद मधुसूदन ने विधि विधान से बुधवार के दिन गणेश जी की उपासना की और उसे अपनी पत्नी वापिस मिल गई.

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इस प्रकार, अगर आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन का व्रत अवश्य करें. आज के दिन का व्रत रखने से आपके घर कभी अन्न की कमी नहीं रहती है.

आज बुध ग्रह को प्रसन्न करके उनकी कृपा दृष्टि पाई जा सकती है. अगर आपको धन लाभ नहीं हो रहा है, तो भी आप आज के दिन का व्रत धारण कर सकते हैं.

बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव के चलते व्यक्ति को जीवन में काफी नुकसान झेलना पड़ता है, यही कारण है कि व्यक्ति को करीब 21 बुधवार तक व्रत रखने चाहिए, तब जाकर बुध ग्रह की स्थिति आपकी कुंडली में मजबूत होती है.

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