Ganeshotsav Celebration: इस गणेश चतुर्थी घर पर ही बनाएं गणपति जी की प्रतिमा, इको फ्रेंडली होकर मनाएं त्योहार
Ganeshotsav Celebration: गणेश चतुर्थी के पर्व पर लोग गणेश भगवान का पूजन इत्यादि करते हैं. भगवान गणपति जी की मूर्ति घर में स्थापित करते हैं तथा अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी को गणपति जी की मूर्ति का विसर्जन भी किया करते हैं. इसी के साथ गणेश जी के प्रसिद्ध मंदिरों में भी गणेश चतुर्थी का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है.
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लेकिन आज के दौर में अब त्योहारों को इको फ्रेंडली तरीके से भी मनाया जाने लगा है. अधिकतर लोग गणेश चतुर्थी के पर्व पर दुकानों की मूर्तियां घर में स्थापित करते हैं. लेकिन देखा जाता है कि यह मूर्तियां केमिकल की बनी होती है जो वातावरण को काफी प्रदूषित करती हैं. ऐसे में आप घर पर इको फ्रेंडली मूर्ति बना सकते हैं और स्वच्छ पर्यावरण के साथ गणेश जी का स्वागत भी कर सकते हैं.
आज हम आपको चावल, मोती, हल्दी व बीज के जरिए गणेश जी की मूर्ति घर पर कैसे बना सकते हैं यह बताने वाले हैं. तो आइए जानते हैं इको फ्रेंडली गणपति जी बनाने का सरल तरीका.
इको फ्रेंडली गणेश जी बनाने की सरल विधि
अगर आप घर पर ही इको फ्रेंडली गणेश जी बनाना चाहते हैं तो, चावल व बीच लें, इसके बाद आप चावल को पीला कलर भी कर सकते हैं. एक साफ लाल कपड़े पर चावल के 4 टुकड़े 3 बराबर क्रम से एक के ऊपर एक रख दे. इस तरीके से चार टुकड़ों को रखें और फिर एक मुट्ठी चावल लेकर गणपति जी की सूंड को बनाएं. इसके बाद अपने अंगूठे के जरिए गणपति जी के कानों को बनाएं और इसके बाद गणपति जी का एक सुंदर आकार तैयार हो जाएगा.
इसके बाद बीजों की सहायता से गणपति जी की आंखों को बनाएं. बीज से सूंड पर लालधारी भी बना सकते हैं. इसके अतिरिक्त हल्दी से गणेश जी के वस्त्र व माला को बनाएं. मोती से गणपति जी का मुकुट सजाएं. इसके बाद आपकी गणपति जी की इको फ्रेंडली मूर्ति बेहद सुंदर दिखने लगेगी. आप गणेश जी की इको फ्रेंडली मूर्ति की पूजा भी कर सकते हैं. इसके बाद जिस सामग्री से इको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्ति बनाई गई है उसे आप मंदिर में दान कर दें.
चावल व हल्दी के गणपति जी
हिंदू धर्म में चावल व हल्दी को शुभ कार्यो में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में आप इको फ्रेंडली गणपति जी की मूर्ति चावल व हल्दी से बना सकते हैं. यह बेहद शुभ मानी जाती है. आप गणपति जी को सुखी चावल की जगह गिला चावल ही अर्पित करें.