Shani Ki Sadhe Sati: शनि की साढ़े साती से बचने के लिए ये उपाय हैं बेहद कारगर, जरूर अपनाएं
Shani Ki Sadhe Sati: पौराणिक मान्यताओं तथा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों को मान्यता प्राप्त है. इन नव ग्रहों में से एक सर्वशक्तिमान ग्रह है शनि ग्रह. शनि ग्रह के विषय में अनेक आख्यान पुराणों में भी प्राप्त होते हैं. शनि देव को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है.
शनि ग्रह को पाश्चात्य ज्योतिष में अशुभ तथा पीड़ा देने वाला ग्रह माना जाता है. लेकिन वास्तव में यह कहना अनुचित है. दरअसल, शनि ग्रह हमारे कर्मों का ही फल या दंड देते हैं. जिससे हम बच नहीं सकते हैं. कर्मफल देने के कारण ही इस ग्रह का प्रकोप सबसे ख़तरनाक साबित होता है. हालांकि मोक्ष देने वाला ग्रह भी एकमात्र शनि ग्रह है.
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ज्योतिष शास्त्र की गणनाओं के अनुसार, शनि ग्रह का गोचर अन्य राशियों में होता रहता है. उसी प्रकार इस साल भी शनि देव ने 12 जुलाई 2022 को मकर राशि में प्रवेश किया था. शनि देव के इस राशि में प्रवेश के बाद धनु, कुंभ, मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा मिथुन व तुला राशि पर शनि की ढैया शुरू हो चुकी है.:-
शनिदेव की नजर जिस किसी पर भी पड़ती है, उसे अनेक प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं. ऐसे लोगों को जीवन में सफलता मिलने में बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. लेकिन इसी के चलते ज्योतिष शास्त्र में शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए कुछ उपाय भी बताए हैं. जिनके जरिए आप शनि देव की भारी दृष्टि से बच सकते हैं.
शनि ग्रह से बचने के लिए ये उपाय है कारगर
शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए आप सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को शनि देव के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का एक दीपक जलाकर आएं. इस दीपक में काले तिल भी अवश्य डालें. यह उपाय विशेष और आसान है. जो कि शनि दोष से मुक्ति में सहायक होता है.
जिन लोगों के जीवन में शनि की बुरी दशा बनी हुई है वह लोग शनिवार के दिन इस उपाय को भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको सवा 5 किलो आटा में सवा किलो गुड़ मिलाकर एक मीठी रोटी बनानी है. इसके बाद सूर्यास्त के समय दूध देने वाली किसी गाय को यह रोटी खिला दें. आपके जीवन में शनि देव की कृपा भी प्राप्त होगी और उनका प्रभाव भी कम होगा.
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए और उपाय कारगर साबित हो सकता है. इस उपाय में आपको सूर्योदय के समय ‘ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः’ मंत्र का कम से 251 बार जाप करना है. इस मंत्र का जाप कमलगट्टे की माला से करने से ही लाभ प्राप्त होता है.
शनि देव की शनि साढ़ेसाती और शनि की ढैया से बचने के लिए आप शनिवार के दिन व्रत रखें और शनिदेव की पूजा अर्चना करें. इसके साथ ही शनि चालीसा का पाठ भी करें. शनिवार के दिन शनि देव के नाम पर गरीबों में दान भी अवश्य करें.